
ग्वालियर। शहर में पीने के पानी को लेकर अच्छी खबर नहीं है। इस बार अगर प्री-मानसून थोड़ा भी डगमगाया तो दो दिन छोड़कर पानी सप्लाई के लिए शहर को तैयार रहना होगा। जल संसाधन विभाग ने पानी की कमी को देखते हुए यह साफ संकेत दिए हैं। पहले ही तिघरा में 15 जुलाई तक का पानी है और नगर निगम अभी एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई कर रहा है। ग्वालियर व आसपास के बांधों में पानी की कमी है, यही कारण है कि पूरी उम्मीद प्री-मानसून से है।
अभी तो एक दिन छोड़कर पानी दिए जाने को लेकर मुसीबत है जिसमें 10-12 दिन बाद पेहसारी से ग्रेविटी के जरिए 16 दिनों का और पानी तिघरा को मिलेगा। इस तरह 31 जुलाई तक का पानी तिघरा को मिल जाएगा। ग्वालियर में जल संकट से निपटने के लिए बीती 16 फरवरी 2024 को नगर निगम परिषद ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया था। जिसके तहत शहर में एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई की जा रही है। तिघरा बांध से 7.87 एमसीएफटी पानी एक दिन की सप्लाई के दौरान खत्म होता है। बांध में पीने का पानी सिर्फ 15 जुलाई तक का ही बचा है। ऐसे में यदि आगे वर्षा नहीं होती है तो गहरा जलसंकट खड़ा हो सकता है। इस भीषण परेशानी से निपटने के लिए नगर निगम और जल संसाधन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है। इस प्रस्ताव में ककेटो और पेहसारी बांध से पानी की लिफ्टिंग के लिए 18 करोड़, वहीं टैंकरों से शहर में पानी की सप्लाई के लिए पांच करोड़ की राशि को मिलाकर कुल 23 करोड़ रुपये की मांग की गई है। सूखा राहत मद के तहत इस राशि की मांग की है।
जल संसाधन विभाग के अनुसार शहर में साढ़े बारह लाख की आबादी के लिए सात से आठ एफसीएफटी पानी एक दिन दिया जाना पर्याप्त होता है लेकिन इस बार नगर निगम ने अक्टूबर से फरवरी तक 14 एमसीएफटी के लगभग पानी लिया। इस तरह इन चार माह में कुल चार सौ एफसीएफटी पानी ज्यादा लिया गया। अगर यह पानी ज्यादा नहीं लिया जाता तो तिघरा में जुलाई तक नहीं आगे तक की पेयजल की व्यवस्था होती और वर्षा पर इतना आश्रित नहीं होना पड़ता। तिघरा में अब कुछ दिन बाद पेहसारी से 175 एफसीएफटी पानी और जल संसाधन विभाग की ओर से तिघरा बांध में छोड़ा जाएगा। यह पानी ग्रेविटी से आएगा जिससे 16 दिन का काम चल जाएगा। 10 से 12 दिन बाद यह पानी तिघरा में पहुंचा दिया जाएगा।

