ग्वालियर | नगर निगम की सड़कों पर अंधेरा और गड्ढे नवरात्र में दर्शनार्थियों की राह में बाधा बन रहे हैं, क्योंकि भक्त रात के समय पैदल यात्रा कर मंदिर दर्शन के लिए जाते हैं। उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन गड्ढों से आमजन पहले से ही त्रस्त है अब यह परेशानी और बढ़ गई हैं। त्योहार से पहले नगर निगम न तो सड़कों की पैच रिपेयरिंग का काम करा सकी और न ही सड़कों को पूरी तरह से रोशन कर सकी है, जबकि सड़क को रोशन और गड्ढों को भरने के नाम पर करोड़ों रु. खर्च हो चुके हैं।
वीआईपी सड़क जिसमें गांधी रोड, रेसकोर्स रोड,आकाशवाणी से मेला ग्राउंड रोड,सिटी सेंटर का मुख्य मार्ग,कलेक्ट्रेट वाली सड़क आदि को छोड़ दिया जाए तो फूल बाग से सेवा नगर, चेतकपुरी, सचिन तेंदुलकर मार्ग, गोविंद पुरी के पीछे दर्पण कालोनी को जोड़ने वाली सड़क के अलावा गली मोहल्लों में जहां तहां स्ट्रीट लाइट खराब पड़ीं है। स्ट्रीट लाइट का संधारण करने वाली कंपनी लाइट बदलती भी है तो जल्द ही खराब हो जाती क्योंकि यह गुणवत्ता पूर्ण नहीं होती, जिससे यहां पर कुछ लाइट बंद पड़ रहती है जिससे अंधेरा रहता है। इधर स्मार्ट सिटी सीईओ नीतू माथुर का कहना है कि संधारण कंपनी को स्ट्रीट लाइट सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन हर दिन जिस हिसाब से शिकायतें बढ़ रही है उससे साफ है कि गर्मी के मौसम में सड़कों पर अंधेरा ही रहने वाला है।
शहर की चुनिंदा वीआईपी सड़कों पर हर साल डामरीकरण किया जाता है, लेकिन मुख्य मार्गों से कालोनी, मोहल्लों को जोड़ने वाली सड़कें जर्जर पड़ी हुई हैं। इसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता है। लेकिन नगर निगम के पास इन सड़कों के लिए फंड नहीं है, जबकि चुनाव से पहले गड्ढे भरने के नाम पर आठ करोड़ रुपये खर्च किए गए, पर सड़कों की हालत बदहाल बनी हुई है। सड़कों का संधारण के लिए शासन से नगर निगम को जो आठ करोड़ रुपये मिले थे। वह विधानसभा के चुनाव के बाद पूरे खर्च हो गए। लेकिन गड्ढों की हालत में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। अब नगर निगम का कहना हे कि उसके पास फंड नहीं है जिसके कारण गड्ढे नहीं भरे जा पा रहे हैं। यह हालात शहर के पाश एरिया से लेकर गली मोहल्लों की है। इधर पेच रिपेयरिंग के नोडल अधिकारी का भी यह कहना है कि लोक सभा चुनाव के बाद ही गड्ढे भरे जा सकेंगे पर जहां आवश्यक होगा, वहां पर पैच रिपेयरिंग की जा रही है।
सड़कों पर अंधेरा और गड्ढे बने मुसीबत
