न पंजीयन न डिग्री, चला रहे क्लीनिक

ग्वालियर। झोलाछाप स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अपनी दुकान बेधड़क चला रहे हैं और मरीजों की जान से खेल रहे हैं। एक रोज पहले ही सिरोल क्षेत्र में गलत इलाज के कारण एक 13 वर्षीय बच्चे की मौत हो चुकी है। उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
झोलाछापों ने कुबूल किया है कि उन्होंने डाक्टरी की कोई भी पढ़ाई नहीं की है और ना ही उन्हें कोई तजुर्बा है बावजूद इसके वह अपनी दुकान चला रहे हैं। नदीपार टाल के पास मेडिकल स्टोर में जाटव क्लीनिक चला रहा युवक 20 से अधिक बीमारियों का इलाज करता है। उसने कबूला कि उसके पास डाक्टरी की कोई डिग्री नहीं है, लेकिन लंबे समय से डाक्टरी कर रहा है। जब उससे पूछा गया कि यह गैर कानूनी है, तो उसने कहा कि जेल ही तो होगी। इससे ज्यादा क्या होगा। नदीपार टाल क्षेत्र में बिना पंजीयन और डाक्टरी डिग्री के आधा दर्जन से अधिक अवैध क्लीनिक चल रहे हैं। कोई बंगाली दवा खाने के नाम से अपनी दुकान चला रहा है, तो किसी की दुकान पर कोई बोर्ड ही नहीं लगा। इनमें से कई के पास बैचलर आफ फार्मेसी (बी फार्मा) की डिग्री है। इसके सहारे उन्होंने मेडिकल स्टोर खोला है, क्लिनिक भी चलाते हैं। नदी पार टाल क्लिनिक पर कोई बोर्ड नहीं लगा था, लेकिन अंदर आधा दर्जन के करीब मरीज बैठे थे। डाक्टर साहब उनको एलौपैथ की दवाएं देकर चलता कर रहे थे। उन्होंने बीएएमएस करना बताया, नाम एचएस कुशवाह था, लेकिन क्लिनिक बिना पंजीयन के चला रहे हैं। बिना पंजीयन क्लीनिक चलाने की बात पर कहा पंजीयन करा लूंगा। इस तरह शहर में कई लोग बिना रजिस्ट्रेशन के धड़ल्ले से क्लीनिक चला रहे हैं, लेकिन सीएमएचओ कार्यालय को इसकी भनक तक नहीं है।