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भोपाल। कोरोना को भारत में पैर पसारे 6 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. कई तीज-त्योहार घर में ही सूने-सूने निकल गए. अब देश के बड़े राज्यों में चुनावों और उप चुनावों की दस्तक ने त्योहारों पर राजनीतिक रंग चढ़ा दिया है.
आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश, में उप चुनाव होने हैं. पश्चिम बंगाल में भी विधानसभा चुनाव का खुमार देखा जा रहा है. इन राज्यों ने त्यौहार मनाने के लिए गाइडलाइन को ऐसा बनाया है जिससे वोट प्रभावित न हो. अपना वोट बैंक बचाने की जुगत में सरकारों ने कोरोना गाइडलाइन में खूब छूट दी है. एक तरफ चुनावी सभा में लोगों की संख्या जुटाने में कोई बंदिश नहीं है. वहीं त्योहार मनाने के लिए भी ढील भरपूर है.
सख्त गाइडलाइन तैयार
देश के सभी राज्यों में नवरात्र और दशहरा के लिए सख्त गाइडलाइन तैयार की गई है. कहीं दुर्गा पंडाल समिति के लोग और आयोजक नाराज हैं. कई लोगों ने इस गाइडलाइन को सही भी बताया है.
मध्यप्रदेश में त्योहारों ने लिया सियासी रंग
मध्यप्रदेश में नवरात्र और दशहरा दोनों त्योहारों को सियासी रंग दिया जा रहा है. प्रदेश में अब पर्व को लेकर भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले धर्म की सियासत शुरू हो गई है. शिवराज सरकार के दुर्गा उत्सव मनाने की छूट देने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रतिक्रिया जाहिर की है और गणेशोत्सव में छूट ना देने पर तंज भी कसा है.
हिंदू संगठनों ने सरकार को घेरा
एमपी में नवरात्र मनाने के लिए राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी की थी, जिसे हिंदू संगठन के दबाव में सरकार ने बदल दिया है. 18 सितंबर को मध्यप्रदेश में नवरात्र को लेकर नियम बनाए गए, जिसे लेकर खूब हंगामा हुआ. कांग्रेस से लेकर हिंदू संगठनों ने सरकार को घेरा. इस हंगामे की वजह थी दुर्गा प्रतिमा की अधिकतम ऊंचाई 6 फीट होना और पंडालों की लंबाई और चौड़ाई 10×10 फीट की होना. हिंदू संगठन ने 27 सितंबर को भोपाल में जोरदार प्रदर्शन किया, जिसके बाद मध्यप्रदेश सरकार ने 3 अक्टूबर को अपना फैसला बदल दिया.
3 अक्टूबर को बदली गई गाइडलाइन
- 6 फीट ऊंचाई का प्रतिबंध नहीं रहेगा.
- पंडाल की लंबाई और चौड़ाई 10X10 से 30X40 कर दी गई.
- चल समारोह या झांकी निकालने की अनुमति नहीं होगी.
- आयोजन समिति के अधिकतम 10 व्यक्ति दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन कर सकेंगे.
- गरबा करने की अनुमति नहीं होगी.
- दशहरा उत्सव पर रामलीला और रावण दहन किया जा सकेगा.
- सभी आयोजनों में मास्क लगाना अनिवार्य होगा.
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और सावधानियां पूरी तरह अनिवार्य रहेंगी.
- झांकियां ऐसी नहीं बनाई जाएं, जिनमें किसी भी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो.