इंदौर में सिर्फ तुलसी राज, इसलिए कटा रमेश मेंदोला का मंत्री टिकट
मध्यप्रदेश के जलसंसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट एक तरह से अब इंदौर में भाजपा के सर्वेसर्वा हो गये है, क्योंकि इंदौर में अब उनकी टक्कर में कोई भाजपा नेता दिखाई नहीं पड़ रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के आर्शीवाद से इंदौर में अब उनका ही बोलबाला है। कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला तक उनसे पिछड़ गये है। मेंदोला के मंत्री बनने से तुलसी का ग्राफ कम हो जाता इसलिए संभवतः मेंदोला का मंत्री टिकट भी साजिशन काटा गया है। जो भी हो इंदौर में तुलसी का वर्चस्व सिर चढ़कर बोल रहा है। हर अधिकारी उनकी राय के बाद ही काम को अंजाम…
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मध्यप्रदेश के जलसंसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट एक तरह से अब इंदौर में भाजपा के सर्वेसर्वा हो गये है, क्योंकि इंदौर में अब उनकी टक्कर में कोई भाजपा नेता दिखाई नहीं पड़ रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के आर्शीवाद से इंदौर में अब उनका ही बोलबाला है। कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला तक उनसे पिछड़ गये है। मेंदोला के मंत्री बनने से तुलसी का ग्राफ कम हो जाता इसलिए संभवतः मेंदोला का मंत्री टिकट भी साजिशन काटा गया है। जो भी हो इंदौर में तुलसी का वर्चस्व सिर चढ़कर बोल रहा है। हर अधिकारी उनकी राय के बाद ही काम को अंजाम दे रहे है। इंदौर में हालांकि भाजपा से मालिनी गौड़, रमेश मेंदोला, आकाश सहित चार विधायक है। परंतु सब कांग्रेस से आये तुलसी के सामने फीके पड़ गये है। अब इंदौर में सिर्फ तुलसी राज है।
इंदौर में सिर्फ तुलसी राज, इसलिए कटा रमेश मेंदोला का मंत्री टिकट
मध्यप्रदेश के जलसंसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट एक तरह से अब इंदौर में भाजपा के सर्वेसर्वा हो गये है, क्योंकि इंदौर में अब उनकी टक्कर में कोई भाजपा नेता दिखाई नहीं पड़ रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के आर्शीवाद से इंदौर में अब उनका ही बोलबाला है। कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला तक उनसे पिछड़ गये है। मेंदोला के मंत्री बनने से तुलसी का ग्राफ कम हो जाता इसलिए संभवतः मेंदोला का मंत्री टिकट भी साजिशन काटा गया है। जो भी हो इंदौर में तुलसी का वर्चस्व सिर चढ़कर बोल रहा है। हर अधिकारी उनकी राय के बाद ही काम को अंजाम…
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