बहुत कठिन है डगर पनघट की………….!

सत्येन्द्र तिवारी मुरैना
– भाजपा की ओर से दिमनी विधानसभा से केंद्रीय मंत्री लड़ेंगे चुनाव
मुरैना। हर प्रकार की कोशिश करने के बावजूद भी भाजपा की मुश्कलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं हैं, जिसके चलते अब भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी मैदान में ऐसे प्रत्याशियों पर भरोसा जताया है, जिससे उनकी जीत सुनिश्चित हो सके।
गत दिवस प्रदेश सत्ता में काविज भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी हुई सूची में मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा क्षेत्र से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को प्रत्याशी घोषित किया गया तो वहीं मुरैना विधानसभा से रघुराज सिंह कंसाना को प्रत्याशी बनाया है। दिमनी विधानसभा पर केंद्रीय मंत्री का प्रत्याशी बनाया जाना इस बात को साबित करता है कि इस बार भाजपा काफी मुश्किल में है और उन्हें किसी भी प्रकार सरकार बनाने के लिए आवश्यक सीटों को जीतना ही होगा, जिसके लिए वह हर संभव प्रयास कर रही है। विदित हो कि प्रदेश में जारी द्वितीय सूची में 7 सांसद व 3 केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव का प्रत्याशी घोषित किया है। इससे जनता के बीच स्थिति स्पष्ट हो गई है कि भाजपा अभी भी काफी मुश्किल में है व चुनावी मैदान में काफी पीछे है।
यदि दिमनी विधानसभा की बात की जाए तो यहां पर 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने घर-घर जाकर वोट मांगे और उसके बावजूद भी इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा चुनावी मैदान में तीसरे स्थान पर रही व उपचुनाव में काफी लंबी हार का भाजपा को सामना करना पड़ा। अब देखना यह है कि केंद्रीय मंत्री स्वयं के लिए ऐसा क्या जादू करते हैं कि दिमनी विधानसभा की सीट भाजपा के खाते में दे सके। हालांकि सिर्फ टिकट भर होने से उनकी जीत को सुनिश्चित नहीं किया जा सकता क्योंकि उनकी राह काफी मुश्किल है। एक और बहुजन समाज पार्टी से पूर्व में विधायक रहे बलवीर सिंह डण्डोतिया चुनावी मैदान में ह,ै जिनकी छवि पर आज तक किसी प्रकार का दाग नहीं है और यही उनकी जीत का माध्यम है। दूसरी और प्रदेश भर में चल रही कांग्रेस लहर के चलते तत्कालीन विधायक रविन्द सिंह तोमर भिडोसा पुन: कांग्रेस से चुनावी मैदान में आ सकते है, जिसके चलते इस विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक क्षत्रिय समाज के वोटों के बंटवारे की पूरी संभावना है। इसके अलावा मतदाता भी भली भांति जानता है कि लोकसभा चुनाव में नरेंद्र सिंह तोमर पुन: चुनावी मैदान में होंगे। इसलिए इस चुनाव में उनकी जीत का उनको कोई विशेष लाभ नहीं होना है। कुल मिलाकर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के लिए यह चुनाव काफी मुश्किल भरा हो सकता है। इस स्थिति में यह कहना लाजमी होगा कि बहुत कठिन है डगर पनघट की…।