
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती जारी है. झारखंड में जेएएम तो महाराष्ट्र में एक बार फिर महायुति वापसी करती नजर आ रही है. महायुति 145 के बहुमत के आंकड़े को पार कर 200 के नंबर को भी पार कर गई है. जब कि झारखंड में इंडिया गठबंधन आगे है.
महाराष्ट्र में बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति रुझानों में 229 सीटों पर आगे चल रही है तो वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाला महाविकास अघाड़ी फिलहाल महज 54 सीटों पर ही सिमटा हुआ है. वही अन्य के खाते में 5 सीटें गई हैं. एमवीए तो महायुति से बहुत पीछे है. जीत का ये फासला मिटा पाना एमवीए के लिए लगभग नामुमकिन है. बीजेपी अकेले 120 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रही है. राजनीति जानकारों का मानना है कि अगर रुझान आगे भी ऐसे ही बने रहे तो बीजेपी अकेले अपने दम पर भी सरकार बना सकती है. अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा असर एनडीए के घटक दलों यानी शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की NCP पर पड़ेगा. महायुति की बंपर जीत ओर जाना और बीजेपी के शानदार प्रदर्शन को देखकर अंदरखाने चर्चा ये भी हो रही है कि देवेंद्र फडणवीस को अगला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. फडणवीस ने भी ट्वीट कर कहा है, “एक है तो सेफ है, मोदी है तो मुमकिन है.” वहीं फडणवीस का पुराना पोस्ट भी वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने लिखा था कि, मेरा पानी उतरता देख मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना, मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा’ बीजेपी नेता प्रवीण देरेकर ने कहा कि जनता से इतना प्यार मिलेगा ये सोचा नहीं था. उन्होंने ये भी कहा कि इस बार मुख्यमंत्री का पद देवेंद्र फडणवीस को ही मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि आमतौर पर सबसे बड़ी पार्टी से सीएम बनता है. वर्तमान में बीजेपी महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है.महायुति को जीत की ओर बढ़ते देख शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा, ‘यह महाराष्ट्र के लोगों का फैसला नहीं हो सकता, हम जानते हैं कि महाराष्ट्र के लोग क्या चाहते हैं.’ राउत ने महाराष्ट्र की मांझी लाडकी बहीण योजना पर काउंटर करते हुए कहा कि यहां लड़ला भाई और लाड़ले दादाजी भी हैं.महाराष्ट्र चुनाव में महाविकास अघाड़ी ने बड़े-बड़े दावे किए थे, जो फेल होते दिखाई दे रहे हैं. राहुल गांधी ने अपनी कई रैलियों में कहा था कि इस बार महाविकास अघाड़ी की सरकार बनने जा रही है, लेकिन होता इसके उलट ही दिखाई दे रहा है. राहुल गांधी जहां-जहां प्रचार करने पहुंचे थे, वहां-वहां कांग्रेस का बेड़ा गर्क होता नजर आ रहा है. जिन सीटों के लिए उन्होंने चुनाव प्रचार किया था, उनमें से ज्यादातर पर महाविकास अघाड़ी के प्रत्याशी हारते दिख रहे हैं.
झारखंड में एक बार फिर से जेएमएम-कांग्रेस सरकार की वापसी होती दिखाई दे रही है. 81 सीटों पर रुझानों में INDIA गठबंधन 55 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि एनडीए 25 सीटों पर सिमटी दिखाई दे रही है. ये अंतर आधे से ज्यादा सीटों का है. ऐसा लग राह है कि हेमंत सोरेन की मइया योजना काम कर गई और एनडीए के तमाम वादों और केंद्र सरकार का कामकाज दिखाने के बाद भी जनता ने उन पर खास भरोसा नहीं जताया है.झारखंड में अगर हेमंत सोरेन सरकार की वापसी होती है तो यह झारखंड के इतिहास में यह पहली बार होगा जब किसी गठबंधन सरकार की वापसी होगी. साल 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड का अलग राज्य के तौर पर गठन हुआ था. यहां प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पत्नी कल्पना सोरेन और झामुमो से भाभी सीता सोरेन हैं. बीजेपी नेताओं में पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो (झामुमो), आजसू पार्टी प्रमुख सुदेश महतो और विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी शामिल हैं.

