
ग्वालियर। अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य चिकित्सालय में इलाज कराने से ज्यादा ओपीडी समय तक डाक्टरों का न बैठना मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। पहले जैसे तैसे पर्चे आनलाइन पर्चे बनवाने में मरीजों को 4 से 5 घंटे तक का समय लग रहा है। वहीं जब वह ओपीडी कक्ष में डाक्टर को अपना मर्ज दिखाने पहुंचते हैं तो वहां सीनियर चिकित्सक नहीं मिलते। अब तो हालात यह है कि 1.30 बजे विभाग की खाली हो जाते हैं। इस समय तक ओपीडी कक्षों में साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया जाता है।
जयारोग्य में पर्चा बनवाकर ओपीडी में चिकित्सक को दिखाने पहुंचे मरीजों को बिना उपचार वापस लौटना पड़ता है। हकीकत यह है कि रोजाना ओपीडी में आने वाले लगभग 300 से 400 मरीज पहले आभा एप की जटिल प्रक्रिया में उलझकर बिना चिकित्सक को दिखाए लौटने को मजबूर हैं। वहीं जिनके पर्चे बन जाएं वह ओपीडी कक्ष में डाक्टर न मिलने पर बिना उपचार लौटने को मजबूर है। बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन सब कुछ बेहतर होने का दावा कर रहा है। एक हजार बिस्तर अस्पताल में दोपहर 1.30 बजे तक अधिकांश विभाग बंद हो जाते हैं। ऐसे में मरीजों को बिना उपचार वापस लौटना पड़ता है। हड्डी रोग विभाग, सर्जरी, मनोरोग से भी ओपीडी समय से पहले चिकित्सक चले जाते हैं। आनलाइन पर्चा बनवाकर सर्जरी विभाग पहुंचे मरीजों को बिना उपचार वापस लौटना पड़ता है।

