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ग्वालियर। सामान ले जाने एवं यात्रियों के सुरक्षित सफर के लिए अलग-अलग वाहनों की व्यवस्था है, लेकिन जब एक ही वाहन दोनों काम एक साथ कर रहा हो तो फिर दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। ग्वालियर से संचालित लग्जरी बसें ( वीडियोकोच) अब यात्रियों से कहीं मलाई पर ध्यान देती हैं। माल ढुलाई पूरी तरह से यात्री बसों में प्रतिबंधित है, लेकिन उसके बाद भी आरटीओ से लेकर पुलिस थानों के सामने से बसें धड़ल्ले से फर्राटे मारकर सड़कों पर दौड़ रही हैं। सुबह के समय जब लग्जरी बसें ग्वालियर आती हैं तो उसमें से जो माल उतरता है उसे ढोने के लिए छोटे माल वाहक वाहन आते हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यात्रियों की बसों में माल किस पैमाने पर भरकर आ रहा है।
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लग्जरी बस संचालक को आरटीओ अधिकारियों तक का डर नहीं है। सुबह खुलेआम यात्री बसें शहर के अंदर आती हैं और बस ऑफिस में सामान को उतार रही हैं। लक्ष्मीबाई कॉलोनी में सुबह बस कॉलोनी के अंदर खड़ी होती देखी जा सकती हैं और वहीं सामान उतरता है। इसी तरह से मांडरे की माता मंदिर के पास आयुर्वेदिक हॉस्पिटल के गेट के बाहर भी लग्जरी बसें सामान उतारती देखी जा सकती हैं। प्रशासन, नगर निगम और पुलिस ने पहले ही तय किया था कि यात्री बसें शहर में प्रवेश नहीं करेंगी। बसें सिर्फ नाका चंद्रबदनी बस स्टैंड पर खड़ी होंगी और वहीं से ही चलेंगी। यह नियम कुछ दिनों से तक तो सही चला, लेकिन उसके बाद बसें शहर के अंदर से ही संचालित होने लगीं और कॉलोनियों में खड़ी होने लगीं। शहर से बस चलाने में संचालकों को फायदा होता है कि सामान को ढोने के लिए स्टैंड तक नहीं जाना पड़ता है। ऐसी बसों के खिलाफ ट्रैफिक विभाग भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
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ग्वालियर से इंदौर, कानपुर, राजस्थान और दिल्ली के लिए काफी संख्या में लग्जरी बसों का संचालन होता है। खास बात यह है कि उक्त बस संचालकों को यात्रियों से ज्यादा सामान की ढुलाई की चिंता रहती है। इसके पीछे कारण यह है कि सामान ढुलाई कर संबंधित क्षेत्र तक बिना किसी रुकावट के पहुंचाने की माल मालिक को पूरी गारंटी दी जाती है जिसके एवज में मुंहमांगा भाड़ा भी मिलता है। व्यापारी जो सामान भेजते हैं, उससे उनका टैक्स काफी बच जाता है। इस माल ढुलाई के कारण ट्रक ऑपेरटरो को काफी नुकसान हो रहा है, क्योंकि बसों की छतों पर ही करीब 4 से 5 फीट तक माल रखकर बसें संचालित हो रही हैं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि बस में किस तरह से सामान ले जाया जाता है। छत के अलावा बस की डिग्गी में भी सामान पर्याप्त रखा जाता है। छतों पर ऊंचाई तक माल रखा होने से दुर्घटना का खतरा बना रहता है। कई बार ऊंचाई होने से बिजली के तार सहित पुल से भी टकराने की आशंका बनी रहती है। साथ ही हाईस्पीड होने से बस के पलटने का भी खतरा बना रहता है। व्यवसायियों को जीएसटी और ईवे बिल जैसे टैक्स से बचने का मौका मिल रहा है।
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लग्जरी बसों में माल ढुलाई होने को लेकर ट्रक ऑपरेटर भी कई बार पुलिस से लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इसके चलते अब उन्होंने शिकायत करना भी छोड़ दिया है। ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि यात्री बसों में माल ढुलाई होने से उनको नुकसान हो रहा है, क्योकि इंदौर से लेकर अन्य राज्यों से जो सामान पहले ट्रकों के जरिए लाया जाता था, वह अब बसों से आ रहा है। लग्जरी बसें सामान लेकर कई पुलिस थानों से होकर गुजरती हैं, लेकिन उनको माल ढुलाई नही दिख रही तो समझ सकते हैं कि पुलिस किस तरह से मिली हुई है। वैसे उक्त बसें परमिट की शर्तों का भी उल्लंघन कर रही हैं।
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