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नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण से पहले पश्चिम बंगाल के चहेते पुलिस कमीश्नर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी अधिकारी और कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को तगड़ा झटका दिया है। शीर्ष अदालत ने राजीव कुमार को गिरफ्तारी पर रोक संबंधी प्रोटेक्शन को वापस कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनको अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख करने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर राजीव कुमार सात दिन के अंदर हाईकोर्ट का रुख नहीं करते हैं और उनको वहां से अग्रिम जमानत नहीं मिलती है, तो सीबीआई सात दिन बाद राजीव कुमार को गिरफ्तार कर सकती है। आपको बता दें कि इससे पहले सीबीआई के अधिकारी एक बार जब राजीव कुमार से पूछताछ करने पहुंचे थे, तो कोलकाता पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया था। इसके बाद राजीव कुमार ने सीबीआई की गिरफ्तारी से राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
अभी तक सीबीआई ने राजीव कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं किया है। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई राजीव कुमार को नोटिस जारी करेगी और पूछताछ के लिए बुलाएगी। दरअसल, शारदा चिटफंड घोटाला मामले में राजीव कुमार का नाम सामने आया है। इसको लेकर सीबीआई राजीव कुमार से पूछताछ करना चाहती है। इस सिलसिले में सीबीआई ने राजीव कुमार के ठिकाने पर छापेमारी भी करने की कोशिश की थी।
कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर और सीआईडी के पूर्व एडीजी राजीव कुमार वही हैं, जिनको लेकर हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गई थीं। कुछ दिन पहले राजीव कुमार के घर पर सीबीआई ने छापा मारा था। इसके खिलाफ ममता बनर्जी ने मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया था और धरने पर बैठ गई थीं।