
ग्वालियर। स्टेशन पुनर्विकास प्रोजेक्ट की तय समय सीमा पूरी होने में सिर्फ पांच माह का समय शेष बचा हुआ है। इसके बावजूद पिछले 22 महीनों में प्रोजेक्ट 50 प्रतिशत प्रगति तक भी नहीं पहुंच पाया है। कंपनी द्वारा स्टेशन की तोड़फोड़ करने के कारण यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। दूसरी तरफ नवनिर्मित इमारतें अधूरी पड़ी हुई हैं। न तो इनमें फर्नीचर तैयार हो पाया है और न ही इंटरनेट व बिजली के कनेक्शन की सही व्यवस्था है। इसके अलावा पुनर्विकास प्रोजेक्ट में खुद ही बार-बार समय देने के बावजूद एक फुट ओवरब्रिज का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। इस ब्रिज को गत 15 सितंबर को पूरा किया जाना था। ऐसे में अब कंपनी आधी-अधूरी इमारतों में ही रेलवे के कार्यालय शिफ्ट करने के प्रयास कर रही है, जिसके कारण रेल कर्मचारियों में विरोध की स्थिति बन गई है।
पिछले दिनों कंपनी ने एरिया मैनेजर कार्यालय की ओर आरक्षण कार्यालय शिफ्ट कराने का प्रयास किया था, लेकिन पूरे दिन की मशक्कत के बावजूद व्यवस्थाएं नहीं बन सकीं और आरक्षण कार्यालय का सामान वापस पुरानी जगह लाना पड़ा। वहीं रविवार को बिना बिजली के कनेक्शन के रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) थाने को प्लेटफार्म क्रमांक एक ही ओर बनी नई बिल्डिंग में शिफ्ट करा दिया। आरपीएफ थाने के नवनिर्मित भवन का रविवार को प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त रविंद्र वर्मा ने फीता काटकर उद्घाटन किया। पूरे दिन सिर्फ पंखा और ट्यूबलाइट ही जलती रहीं, क्योंकि बिजली की आपूर्ति कंस्ट्रक्शन के लिए किए गए अस्थायी कनेक्शन से दी गई थी। इसके अलावा अब दूसरे कार्यालयों को भी आधी-अधूरी बिल्डिंग में शिफ्ट करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। रेलवे के स्थानीय अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट झांसी मंडल कार्यालय के साथ ही प्रयागराज स्थित मुख्यालय भेजी है।

