सड़कों के बुरे हाल, उलझे ट्रैफिक के साथ दमघोंटू धूल

– शहरवासी जनहित याचिकाएं कर रहे

ग्वालियर। शहर के भीतर की सड़कों के साथ अब शहर के बाहर आने-जाने वाली सड़कों के भी बेहद बुरे हाल हैं। सड़कों की इस दयनीय स्थिति से परेशान होकर अब शहरवासियों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया है। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में फिर जनहित याचिकाएं दायर होने लगी हैं। वहीं कई याचिकाएं पहले से लंबित हैं।
हाई कोर्ट में बुधवार को भी ऐसी ही सड़क पर बाधाओं से जुड़ी याचिका में सुनवाई होना प्रस्तावित थी जिसे अक्टूबर के लिए स्थगित कर दिया है। जरा-सी वर्षा से धुल जाता है पैचवर्क: हाई कोर्ट के अधिवक्ता सिद्धार्थ सिजोरिया ने बीते दिनों में एक याचिका दायर कर उसकी सुनवाई के दौरान आवेदन लगाते हुए कहा था कि शहर की सड़कें बेहद खस्ताहाल में हैं। सड़कों पर गड्ढे हो रहे हैं, गिट्टी भी फैली पड़ी रहती है। जिम्मेदार विभाग एक-दूसरे पर टाल देते हैं। नगर निगम जो पैच रिपेयरिंग करता है वह जरा-सी बारिश में धुल जाता है। अधिवक्ता सिद्धार्थ ने यह आवेदन लगाकर शहर की सड़कों की हालत में सुधार करवाने के लिए हाई कोर्ट से निवेदन किया था, वर्तमान में भी याचिका लंबित है। शहर के बाहर आने-जाने वाली सड़कों पर भी याचिका दायर हो चुकी है। इसमें एक याचिका चीनौर से भितरवार की ओर जाने वाली सड़क पर हुए गड्ढों को लेकर लगाई गई थी। याचिका में बताया गया कि इस रास्ते पर कई जगहों पर सड़क खराब है जिसके चलते वाहन चालक परेशान होते हैं।
माधव नगर से एजी पुल के बीच स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम के काम के चलते अब तक ट्रैफिक उलझा हुआ था। अब यहां ठेकेदार की लापरवाही से दमघोंटू धूल से जनता त्रस्त है। हालात यह हैं- धूल का गुबार सड़क पर उड़ने से पास के वाहन भी नजर नहीं आ रहे। वाहन चालक परेशान हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी लापरवाह ठेकेदार पर सख्ती नहीं कर रहे। जहां स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम के लिए खुदाई की गई। वहां जो मिट्टी खुदाई में निकली, उसे ही यहां बिछा दिया गया। पहले बारिश अब धूप निकलने पर पानी सूख गया है तो धूल उड़ रही है। बारिश में यह मिट्टी कीचड़ में तब्दील हो गई थी। यहां बुधवार काे मशीन सड़क तक पहुंच गई। जिससे महज 8 फीट का रास्ता ही ट्रैफिक के लिए बचा। ट्रैफिक को दो भागों में निकालने के लिए ट्रैफिक पुलिस तैनात थी।