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मध्यप्रदेश कांग्रेस में तीन गुट सक्रिय हैं जिसमें एक गुट का नेतृत्व मुख्यमंत्री कमलनाथ करते हैं, जबकि दूसरे का ज्योतिरादित्य सिंधिया। तीसरे गुट का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह करते हैं। राज्य में अंदरुनी खींचतान इस कदर हावी है कि तीनों गुट एक दूसरे के खुले तौर पर भी विरोध करते दिख जाते हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जारी शीतयुद्ध में अब 10 जनपथ का भी प्रवेश हो चुका है। इस साल मध्यप्रदेश के कोटे से खाली हो रही राज्यसभा की दो सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अलावा प्रियंका गांधी के नाम की चर्चा तेज है। माना जा रहा है कि सिंधिया की जगह पर पार्टी प्रियंका गांधी को राज्यसभा भेज सकती है। अपने इस दांव से सीएम ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को न केवल मात दी है, बल्कि उनके राज्यसभा जाने के अरमानों पर भी पानी फेर दिया है। कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर भी अपने खास की नियुक्ति के लिए लगातार दिल्ली का दौरा कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए खाली हो रही दो सीटों को लेकर जारी खींचतान के बीच एक सीट पर दिग्विजय सिंह की ताजपोशी तय मानी जा रही है। लोकसभा चुनाव हार चुके ज्योतिरादित्य भी मुख्यमंत्री पद न मिलने के बाद राज्यसभा के जरिए अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने की कोशिश में लगे थे। लेकिन, कमलनाथ ने प्रियंका गांधी की राज्यसभा के लिए दावेदारी जताकर सिंधिया को घेरने का फुलप्रूफ प्लान तैयार कर रखा है।