मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने की तैयारी में है। डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार 17 और 21 साल के लिए 2500-2500 करोड़ का कर्ज RBI से ले रही है। बड़ी बात यह है कि सरकार यह ऋण 5 महीनों में छठवीं बार ले रही है। 26 दिसंबर को कर्ज की रकम सरकार के खाते में ट्रांसफर होगी।
जानकारी के मुताबिक, पहले सप्लीमेंट्री बजट पेश करने के बाद सरकार 5000 करोड़ का लोन लेगी। गौरतलब है कि मोहन सरकार ने सितंबर, अक्टूबर नवंबर में भी 5-5 हजार करोड़ का कर्ज लिया था। सरकार के लगातार कर्ज लेने से प्रदेश वासियों पर भी इसका बोझ बढ़ता जा रहा है। आलम यह है कि मध्य प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति 52 हजार रुपए के कर्ज के बोझ के तले दब गया है। मध्य प्रदेश सरकार के कर्ज लेने के बाद जो आंकड़े सामने आए हैं वो हैरान करने वाले हैं। एमपी सरकार का कुल बजट तकरीबन 4 लाख करोड़ रुपए है। RBI से लोन लेने के बाद मोहन सरकार पर 4 लाख करोड़ का कर्ज हो गया है। बता दें कि मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना, बहनों को 450 रुपए में गैस सिलेंडर, कर्मचारियों के वेतन भत्ते समेत कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनमें राज्य सरकार भारी भरकम राशि खर्च कर रही है। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने अपने पहले अनुपूरक बजट में 3 महीने के सरकारी खर्च के लिए 65 विभागों को 22 हजार 460 करोड़ रुपए दिए थे।
मौजूदा वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकार अब तक 25,000 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। 23 जनवरी को 2,500 करोड़ रुपए का कर्ज सरकार ने लिया। 6 फरवरी को 3,000 करोड़ रुपए, 20 और 27 फरवरी को 5,000-5,000 करोड़ रुपए का ऋण एमपी सरकार ने किया। 26 मार्च को 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया। सरकार ने 6 अगस्त को दो किस्तों में 5 हजार करोड़ का लोन लिया था। इसके बाद 27 अगस्त को एक बार फिर 14 और 21 साल के लिए 5 हजार करोड़ रुपए का लोन लिया गया था। 24 सितंबर को सरकार ने 12 साल के लिए 2500 करोड़ और 19 साल के लिए 2500 करोड़ का लोन लिया था। 8 अक्टूबर को 11 साल और 19 साल के लिए सरकार ने आरबीआई से 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। 26 नवंबर को ई ऑक्शन के जरिए स्टाक गिरवी रखकर सरकार ने 5 हजार करोड़ रुपए का लोन लिया था। 27 नवंबर को सरकार के खाते में इसकी राशि पहुंच गई थी। उस समय ई ऑक्शन के जरिए स्टॉक गिरवी रखकर यह कर्ज लिया गया था।
5 महीने में छठवीं बार लोन ले रही मोहन सरकार, कर्ज के हैरान करने वाले आंकड़े
