नंदी महाराज के गर्भगृह के दूसरे फूल से टपक रहा है बारिश का पानी

ग्वालियर। तीन करोड़ से अधिक लागत से निर्माणाधीन अचलेश्वर मंदिर का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है, लेकिन पहली बारिश में नंदी महाराज के गर्भगृह की छत के दूसरे फूल से पानी की बूंदे टपक रही है। बताया गया है कि यज्ञशाला की तरफ बनाईं गई छत्री में से पानी रिस रहा है।गर्भृह में पानी भर जाने के कारण यह रिसाब शुरु हुआ है।
कान्टेक्टर जगदीश मित्तल का कहना है कि शुक्रवार को पानी का निकास बन जाने के बाद पानी नहीं टपकेगा। दूसरी तरफ यज्ञशाला की गेट की तरफ दिव्यांगों व सीनियर सिटीजन के लिए रैंप का निर्माण भी शुरु हो गया है। मंदिर के नटराज सभाग्रह के सामने खाली पड़ी भूमि पर केला व अन्य धार्मिक महत्व के पेड़-पौधे लगाने के लिए क्यारी तैयार की गई है। बारिश होने के कारण अचलेश्वर मंदिर के गर्भगृह में नंदी महाराज के साइड बारिश का पानी जमा हो गया।नंदी महाराज के गर्भगृह के दूसरे फूल से पानी टपकना शुरु हो गया। इसी तरह यज्ञशाला के सामने वाले गेट पर पानी की बूंदे टपक रही है। मंदिर के स्टाफ ने इसकी सूचना कान्टेक्टर को दी। कान्टेक्टर ने बारिश का पानी निकालने की व्यवस्था की।
मंदिर के चारों गेट का निर्माण शुरु हो गया। गेटों पर टाइल लगाने के लिए गुरुवार को एमएलबी कालेज व सड़क मार्ग का गेट बंद कर दिया। भक्तों ने नंदी महाराज से प्रवेश किया और दर्शन कर यज्ञशाला वाले साइड के निकले। क्योंकि सोमवार को आरती के दौरान श्रद्धालुओं के रोड साइड वाले गेट पर चढ़ जाने के कारण टाइल टूट गई थी।इसके साथ ही दिव्यांगों व वृद्धों के मंदिर में प्रवेश करने के लिए यज्ञशाला की साइड रैप का निर्माण किया जा रहा है।हालांकि मंदिर के ड्राइंग में रैंप की व्यवस्था नहीं थी। मंदिर के आसपास के क्षेत्र को सजाया संवारा जा रहा है। नटराज सभागार के सामने जीवायएमसी क्लब के दीवार से लगी भूमि पर फूलों व धार्मिक महत्व के पौधे लगाने के लिए क्यारी बनाईं गईं। क्यारी पर सुंदर टाइल लगाये गये हैं। इसी तरह यज्ञशाला के टीनशेट को साफ करा दिया गया है।यहां गणेशचतुर्थी पर श्रीजी विराजित होते हैं।