मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल तालाबों का शहर

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल तालाबों का भी शहर कहलाता है। यहाँ बहुत सारे तालाब पर्यटक स्थल के लिए प्रसिद्ध हैं, जिनमें से बड़ा तालाब सबसे प्रमुख है। भोपाल में इस तालाब के लिए कहा भी जाता है, “तालों में ताल भोपाल का ताल बाकी सब तलैया”, अर्थात यदि सही अर्थों में तालाब कोई है तो वह है भोपाल का तालाब। भोपाल के पश्चिमी भाग में स्थित यह तालाब, यहाँ के निवासियों का मुख्य जल स्रोत भी है जो यहाँ की लगभग 40% जनसंख्या को रोज़ पानी की सुविधा प्रदान करता है। इस बड़े तालाब के साथ, एक छोटा तालाब भी यहाँ है और यह दोनों तालाब मिलकर एक विशाल “भोज वेटलैण्ड” का निर्माण करते हैं।

कई प्रजाति के पक्षियों का भी बसेरा: बड़ा तालाब

आप जब कभी भी भोपाल की यात्रा पर जाएँ तो इस बड़ा तालाब की सैर पर ज़रूर जाएँ जो यहाँ मुख्य आकर्षण का केंद्र है। बड़ा तालाब मानव निर्मित तालाबों में से एक और राजा पमारा राजा भोज को समर्पित है।

बड़ा तालाब से जुड़ी कथा

कहा जाता है कि यह भोजताल और भोज वेटलैण्ड, मालवा राजा पमारा राजा भोज द्वारा बनवाया गया था, जिसके नाम पर ही भोपाल शहर का शुरुआत में नाम भोजपाल रथा गया था।

इस तालाब को क्यूँ बनाया गया? हर निर्माण के पीछे एक कारण और कहानी जुड़ी होती है, उसी तरह इस तालाब को बनाने के पीछे भी एक कहानी है। इतिहास के अनुसार कहा जाता है कि बड़ा तालाब तब बनाया गया जब राजा भोज बहुत गंभीर त्वचा विकार से ग्रस्त हुए। कई वैद्यों से परामर्श लिया गया पर कोई उनकी इस बीमारी को ठीक ना कर सका। तब एक साधु ने उन्हें एक बड़ा सा तालाब बनाने को कहा, जिसमे 365 सहायक नदियों को जोड़ने को कहा और फिर उसके बनने के बाद उसमे डुबकी लगाने से उनकी ये बीमारी ख़त्म हो जाएगी, ऐसा उपाय बताया।

राजा ने अपने गोंड सेनाध्यक्ष कालिया के साथ मिलकर भाद्भाड़ा पर बने बड़े टैंक वाली जगह को ढूंढा जहाँ 365 सहायक नदियाँ एक जगह मिलती हैं। इस तालाब में राजा भोज की हाथ में तलवार लिए एक प्रतिमा भी खड़ी है, जिनकी वजह से तालाबों के शहर भोपाल की स्थापना हुई थी। साल भर यहाँ पर्यटक इसके प्राकृतिक दृश्य का आनंद उठाने आते हैं और कई सारे रोमांचक खेलों और क्रियाओं का भी लुत्फ़ उठाते हैं। कायकिंग, कैनोयिंग, राफ्टिंग, वॉटर राफ्टिंग, स्कीइंग आदि जैसी क्रियाएँ यहाँ के बोट क्लब में नैशनल स्कूल सेलिंग द्वारा आयोजित की जाती हैं।

तालाब के ही दक्षिण पूर्वी भाग में स्थित वन विहार, पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। आपको यहाँ कई तरह की वनस्पतियों के साथ साथ पक्षियों, जैसे वाइट नेकेड स्टॉर्क,स्पूनबिल्स और कई तरह के सारस जैसी प्रजातियों को देखने का सुखद अनुभव प्राप्त होगा। तो अब जल्द ही योजना बनाइए भारत के इस बड़े तालाब का खुद से अनुभव करने का और अपनी यात्रा के अनुभव में कुछ और शब्द जोड़िए।