वरिष्ठ अफसरों के आदेश हवा में, उप पंजीयकों ने नियम तोड़ की धड़ाधड़ रजिस्ट्री


पंजीयन विभाग में उप पंजीयक न सरकारी नियम मान रहे है और न वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश। आदेशों के खिलाफ जाकर चुपके रजिस्ट्री कर रहे हैं। ऐसे ही मामले भाटखेड़ी की रजिस्ट्री को लेकर सामने आए हैं। ग्वालियर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने भाटखेड़ी में रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगाया था। जीडीए के बोर्ड में लिए फैसले के अनुसार वरिष्ठ जिला पंजीयक को पत्र लिखा था। इसी आधार पर वरिष्ठ जिला पंजीयक ने रजिस्ट्री को प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन उप पंजीयकों ने चुपके से धड़ाधड़ रजिस्ट्री की हैं। इससे नगर विकास योजना क्रमांक-6 पर संकट खड़ा कर दिया। कानूनी पेचीदगी को जन्म दे रहे हैं।
दरअसल जीडीए ने तीन योजनाएं प्रस्तावित की है। नगर विकास योजना क्रमांक-4, 5, 6 प्रस्तावित की हैं। योजना क्रमांक 4 एयरपोर्ट से साडा लिंक रोड, योजना क्रमांक 5 सिरोल तिराहे से झांसी वायपास, योजना क्रमांक-6 भाटखेड़ी से रमौआ बांध तक प्रस्तावित है। इन क्षेत्र में जो भी कॉलोनी विकसित हो, उसके लिए चौड़ी सड़कें प्रस्तावित की हैं। जिससे कोर्ई भी बिल्डर कॉलोनी विकसित करे तो उसमें चौड़ी सडक़ व लोगों के लिए सुविधाएं विकसित हो सकें। भाटखेड़ी से रमौआ के बीच विकसित होने वाली कॉलोनी में 18 से 30 मीटर की सडक़ें प्रस्तावित हैं। इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया था। इन योजनाओं के तहत आने वाली जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी, लेकिन पंजीयन विभाग ने रोक के आदेश को दरकिनार कर दिया। भाटखेड़ी में 18 रजिस्ट्री संपादित कर दी।

” योजना समाप्त नहीं हुई है। राज्य शासन ने योजना का परीक्षण कर फिर से प्रस्ताव मांगा है। योजनाओं के तहत चिह्नित भूमि की रजिस्ट्री पर रोक लगाई थी। इसकी सूचना पंजीयन विभाग को दी थी। पंजीयन विभाग ने रजिस्ट्री की है तो यह गलत है, क्योंकि बोर्ड में लिए फैसले के तहत प्रतिबंध लगाया था।”

नरोत्तम भार्गव, सीईओ जीडीए