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ग्वालियर। डाग बाइट के लगातार बढ़ रहे मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेने के बाद डाग शेल्टर से लेकर नसबंदी के कार्यों में तेजी लाने के आदेश दिए हैं, लेकिन ग्वालियर में अभी तक डाग शेल्टर बनाने का कोई प्रविधान ही नहीं है। सिर्फ एक एबीसी सेंटर के भरोसे ही श्वानों की जनसंख्या नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन ये सेंटर भी पिछले दो माह से बंद पड़ा हुआ था। एक सप्ताह पहले ही सेंटर खोला गया है और गत 4 अगस्त से लेकर 12 अगस्त तक सिर्फ 161 श्वानों की ही नसबंदी हो सकी है। यह स्थिति तब है, जबकि शहर में हजारों की संख्या में आवारा श्वान सड़कों पर घूमते दिख जाते हैं।
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ग्वालियर में एक ही एबीसी सेंटर है, लेकिन शेल्टर होम जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। श्वानों को पकड़ने के बाद उनकी नसबंदी की जाती है और दो से तीन दिन पोस्ट आपरेटिव में रखने के बाद उसी स्थान पर छोड़ दिया जाता है, जहां से उसे पकड़ा गया था। इसके चलते शहर में ज्यादातर जगहों पर श्वानों के झुंड नजर आते हैं। हालांकि वेटरनरी डाॅक्टर ये कहते हैं कि नसबंदी के बाद श्वान की आक्रामकता कम हो जाती है और वह काटना बंद कर देता है, लेकिन कई बार ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिसमें ऐसे श्वानों ने भी लोगों को काटा है जिनकी नसबंदी हो चुकी थी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने अब डाग शेल्टर बनाने का आदेश दिया है। शहर में सिटी सेंटर, मुरार, हजीरा, तानसेन नगर, थाटीपुर, नई सड़क, कांच मील, महलगांव, पंत नगर, पटेल नगर सहित हर गली-मोहल्ले में आवारा श्वानों के झुंड खुलेआम घूमते हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन्हें डाग शेल्टर में रखना होगा। हालांकि ये आदेश फिलहाल दिल्ली राज्य के लिए दिया गया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के ज्यादातर आदेश साइटेशन के रूप में देशभर में लागू होते हैं। ऐसे में ग्वालियर में भी अब श्वानों के लिए नई व्यवस्था बनाने की कवायद शुरू की गई है।
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शहर में एक जुलाई से लेकर 12 अगस्त तक 43 दिन के अंदर डाग बाइट के लगभग 1400 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इसमें जयारोग्य अस्पताल में इस अवधि के दौरान 822 केस और जिला अस्पताल में 611 केस पहुंचे हैं। इसके मुकाबले यदि श्वानों की नसबंदी की बात की जाए, तो गत चार अगस्त से दोबारा एबीसी सेंटर को नया ठेका होने के बाद शुरू कराया गया है। जबलपुर की एनिमल केयर संस्था ने नया ठेका लिया है और आठ दिनों में 161 आपरेशन किए हैं। इसमें 87 नर और 74 मादा श्वान हैं।
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