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भिंड। जिले की लोकसभा सीट से चार बार सांसद रहे डॉक्टर रामलखन सिंह पर EOW ने 18 साल पुराने एक कम्प्यूटर घोटाले के मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। पूर्व सांसद, तत्कालीन कलेक्टर मुक्तेश वाष्णेय समेत पांच लोगों पर ये मामला दर्ज किया गया है।
ये जानकारी भिंड से बीजेपी विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह ने मीडिया को दी। पूर्व सांसद रामलखन सिंह पर मामला दर्ज होने का विरोध उनके बेटे संजीव कुशवाह ने किया। विधायक नरेन्द्र सिंह ने बताया कि साल 1998 से 2000 के बीच 23 विद्यालयों में 115 कम्प्यूटर लगाने के लिए सांसद निधि से 1 करोड़ 7 लाख 92 हजार रु की राशि खर्च की गई थी, लेकिन विद्यालयों में कोई कम्प्यूटर नहीं लगाए गए। जब मामले की जांच की गई, तो पता लगा कि जिन कंपनियों से कम्प्यूटर खरीदना बताया गया था, वो दोनों कंपनियां फर्जी थीं। मामले की जांच EOW ने की है।
जांच में पाया गया कि जिन विद्यालयों को कम्प्यूटर लगाए जाने के लिए चिन्हित किया गया था, उन विद्यालयों में बिजली ही नहीं थी और ना ही कम्प्यूटर ऑपरेटर थे। इसके साथ ही 10 हजार रु की कीमत के कम्प्यूटर को एक लाख रुपए में खरीदा गया। इस तरह पूरे मामले में एक करोड़ सात लाख रुपए के घोटाले की बात सामने आई। लंबे समय से जांच और कोर्ट के बीच मामला फंसा हुआ था। बीजेपी से चार बार सांसद रह चुके डॉक्टर रामलखन सिंह 2013 के विधानसभा में बीजेपी छोड़कर बीएसपी में शामिल हो गए थे और भिंड से पूर्व सांसद के बेटे संजीव कुशवाह ने विधानसभा का चुनाव लड़ा था। अब 18 साल के लंबे इंतजार के बाद EOW ने पूर्व सांसद रामलखन सिंह और तत्कालीन कलेक्टर मुक्तेष वाष्णेय समेत पांच लोगों पर मामला दर्ज किया है।
पूर्व सांसद डॉ रामलखन सिंह के बेटे संजीव सिंह कुशवाह ने भी एक प्रेसवार्ता बुलाई और अपना विरोध दर्ज कराया। संजीव सिंह ने आरोप लगाया है कि सरकार मामला दर्ज करवाकर उन पर दबाव बनाना चाहती है, लेकिन वे एफआईआर से डरने वाले नहीं हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी को टक्कर देने के लिए चुनावी मैदान मे उतरेंगे।