अपने व्यवहार से अपना बनाते महाआर्यमन, मामा और भाजपाई भी हुये कायल
श्रीमंत के सुपुत्र महाआर्यमन की ग्वालियर में बढ़ती सक्रियता किसी से छिपी नहीं है। जहां विपक्षी इसको लेकर परेशान है, वहीं उत्साहित भी। क्योंकि महाआर्यमन कांग्रेसी हो या भाजपाई सबसे एक ही तरीके से मिलते है और पल भर में ही उसे अपना बना लेते है। महाआर्यमन का व्यवहार इतना सौम्य, मधुर और मिलनसार है कि सामने वाला एक बार उनसे मिलने के बाद उनका कायल हो जाता है। हालांकि यह बात साफ नहीं है कि महाआर्यमन ग्वालियर में इतने सक्रिय क्यों है। परंतु उनकी सक्रियता राजनीतिक मायने जरूर निकाल रही है। उनकी निगाह अगले लोकसभा या ग्वालियर की किसी…
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श्रीमंत के सुपुत्र महाआर्यमन की ग्वालियर में बढ़ती सक्रियता किसी से छिपी नहीं है। जहां विपक्षी इसको लेकर परेशान है, वहीं उत्साहित भी। क्योंकि महाआर्यमन कांग्रेसी हो या भाजपाई सबसे एक ही तरीके से मिलते है और पल भर में ही उसे अपना बना लेते है। महाआर्यमन का व्यवहार इतना सौम्य, मधुर और मिलनसार है कि सामने वाला एक बार उनसे मिलने के बाद उनका कायल हो जाता है।

हालांकि यह बात साफ नहीं है कि महाआर्यमन ग्वालियर में इतने सक्रिय क्यों है। परंतु उनकी सक्रियता राजनीतिक मायने जरूर निकाल रही है। उनकी निगाह अगले लोकसभा या ग्वालियर की किसी विधानसभा पर है इसके लिए वह अभी से जमीन तैयार कर रहे है। गत रोज ऐसा ही एक नजारा राजमाता की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में देखने को मिला। भाजपाईयो के बीच से भी महाआर्यमन सुर्खियां और अपनी तारीफ लेकर ही लौटे। महाआर्यमन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से लेकर सभी भाजपा नेताओं से खुले दिल से मिले और सभी ने उनके साथ फोटो भी खिंचवाये और सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिये। महाआर्यमन के साथ बनी भाजपा नेताओं की तस्वीर ने उनकी ब्रांडिंग में चार चांद लगा दिये है। इससे पहले मेला भ्रमण में भी महाआर्यमन छाये रहे।
अपने व्यवहार से अपना बनाते महाआर्यमन, मामा और भाजपाई भी हुये कायल
श्रीमंत के सुपुत्र महाआर्यमन की ग्वालियर में बढ़ती सक्रियता किसी से छिपी नहीं है। जहां विपक्षी इसको लेकर परेशान है, वहीं उत्साहित भी। क्योंकि महाआर्यमन कांग्रेसी हो या भाजपाई सबसे एक ही तरीके से मिलते है और पल भर में ही उसे अपना बना लेते है। महाआर्यमन का व्यवहार इतना सौम्य, मधुर और मिलनसार है कि सामने वाला एक बार उनसे मिलने के बाद उनका कायल हो जाता है। हालांकि यह बात साफ नहीं है कि महाआर्यमन ग्वालियर में इतने सक्रिय क्यों है। परंतु उनकी सक्रियता राजनीतिक मायने जरूर निकाल रही है। उनकी निगाह अगले लोकसभा या ग्वालियर की किसी…
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