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कोटा बैराज के 16 गेट खोले गए, रेस्क्यू जारी

कोटा (Rajasthan): चम्बल नदी इन दिनों उफान पर है जिसका असर मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि राजस्थान में भी देखने को मिल रहा है. बीते एक महीने से रुक रुक कर बैराज बांध के गेट खोले जा रहे हैं. अब तक कुल मिलकर 4 लाख 57 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चका है. कोटा बैराज के 19 में से 16 गेट खोल दिए गए हैं जिसकी वजह से निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है. बस्तियों में चंबल का पानी घुसने से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया…

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कोटा (Rajasthan): चम्बल नदी इन दिनों उफान पर है जिसका असर मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि राजस्थान में भी देखने को मिल रहा है. बीते एक महीने से रुक रुक कर बैराज बांध के गेट खोले जा रहे हैं. अब तक कुल मिलकर 4 लाख 57 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चका है. कोटा बैराज के 19 में से 16 गेट खोल दिए गए हैं जिसकी वजह से निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है.

बस्तियों में चंबल का पानी घुसने से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है. शुक्रवार रात को नगर निगम और SDRF की टीम ने एक रेस्क्यु ऑपरेशन को अनजाम दिया. जिसके चलते लगभग 100 लोगों का रेस्क्यु कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया.

वहीं बहुत से इलाके एसे हैं जहां अभी भी हालात भयावह हैं. जलभराव की वजह से कोई बड़ा हादसा न हो इसलिए इलाके की बीजली भी काट दी गई है. जिसने लोगों की परेशानी को और बढ़ा दिया है. वहीं बांसवाडा जिले में पिछले दो दिनों से लगातार बरसात का दौर जारी है. जिले के सभी छोटे-बडे बांध पुरी तरह से भर चुके हैं और लगातार दो दिन तक सभी बांध के गेट खोले हुए हैं, जिले का सबसे बड़ा माही बजाज सागर, सुरवानीया बांध, हेरोडेम बांध भी छलक रहा है बांध के लगभग सभी गेट खोल दिए गए हैं.

झालावाड़ जिले में तीसरे दिन भी लगातार मूसलाधार बारिश का दौर जारी रहा जिसके चलते जिले के कई कस्बों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. जिले की कालीसिंध, आहू तथा परवन तथा छापी नदियां उफान पर चल रही है, जिले के दर्जनभर कस्बों की निचली बस्तियों में उफनती नदियों का पानी घुस गया है जिससे लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. जिले का दरा-अरनिया तथा अकलेरा-बारां, आवर-पगारिया मार्ग भी पूरी तरह बाधित हो गया है.

लाखेरी मेज नदी में बढ़ते जल स्तर के कारण कोटा लालसोट मेगा हाइवे सडक मार्ग लाखेरी पुलिया पर आवागमन बाधित हुआ है. नया गांव स्थित मेज नदी की पुलिया पर चार फीट पानी की चादर चलने के कारण पुलिस को बंद करना पड़ा है. वहीं भारी बारिश के चलते सवाईमाधोपुर-कोटा मार्ग पर यातायात बाधित हो गया जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उधर जिला प्रशासन द्वारा भी बांधो से छोड़े जा रहे पानी के कारण नदियों के निचले क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है, वही बाढ़ नियंत्रण कक्ष पूरी तरह नजर बनाए हुए हैं.

कोटा (Rajasthan): चम्बल नदी इन दिनों उफान पर है जिसका असर मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि राजस्थान में भी देखने को मिल रहा है. बीते एक महीने से रुक रुक कर बैराज बांध के गेट खोले जा रहे हैं. अब तक कुल मिलकर 4 लाख 57 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चका है. कोटा बैराज के 19 में से 16 गेट खोल दिए गए हैं जिसकी वजह से निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है. बस्तियों में चंबल का पानी घुसने से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया…

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