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प्रदेश में भले ही कांग्रेस सरकार बन गई परंतु कांग्रेस नेता अफसरशाही को लेकर परेशान है। ग्वालियर के कुछ कांग्रेस नेताओं के होटल में बार संचालित है, जिनका लायसेंस रिनुअल कराने के लिए उन्हें ऐडी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। इसकी शिकायत ग्वालियर प्रवास पर वाणिज्यकर मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर और सीएम कमलनाथ तक से की गई है।
यहां बता दें कि विगत 11 जून को सहायक आबकारी आयुक्त रविन्द्र मानिकपुरी ने एफएल 2,3,4 बार लायसेसधारियों की एक बैठक बुलाकर उन्हें स्पष्ट कहा था कि वह सारी अहर्तायें पूरी कर लें, तभी बार का रिनुअल किया जायेगा। जिसमें यह बात भी सांकेतिक रूप से शामिल थी कि अधिकारियों का सेवा शुल्क भी समय पर दे दिया जाये, जिसकी राशि 2 लाख बताई गई है। इसके बाद विभाग द्वारा की गई मांग को पूरा करने वाले को ही बार का लायसेंस रिनुअल किया गया। बताते चले कि मानिकपुरी ने जो सूची प्रदेश के आबकारी आयुक्त रजनीश श्रीवास्तव के समक्ष रखी तो उसमे पता चला कि कुछ कांग्रेस नेताओं ने विभाग के अधिकारियों की अनसुनी का दी है तो ऐसे नेताओं के बाद लायसेंस कट कर दिये गये। इसके बाद कुछ कांग्रेस नेताओं ने सीधे मुख्यमंत्री कमलनाथ तक यह बात पहुंचाई कि नौकरशाह कांग्रे राज में कांग्रेसियों को किस तरह परेशान कर रहे हैं। कुल 23 कांग्रेस नेताओं के लायसेंस रोक लिये गये जिसमें से कुछ ने तो अपनी तरफ से अधिकारियों को मनाकर काम करा लिया जबकि कुछ को काफी मशक्कत करनी पड़ी। एक कांग्रेस नेता की माने तो उन्होंने कहा कि इसमें सीधे सीधे प्रदेश आबकारी आयुक्त द्वारा जानबूझकर कांग्रेस नेताओं के बार लायसेंस अटकाये गये।
इनके रूक थे लायसेंसः सेंट्रल पार्क, सफारी, महाराजा, ब्लू लॉज, रीगल, न्यू ब्ल्यू स्टार।