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भोपाल। मध्यप्रदेश में तबादलों का दौर जारी है। अब तक सीएम कमलनाथ और CONGRESS के दिग्गज नेताओं की मर्जी चल रही थी लेकिन अब विधायकों की मर्जी भी चलेगी। सीएम मॉनिट में जिन भी विधायकों ने तबादले का आवेदन किया है, उनकी मांग पूरी होगी। बताया जा रहा है कि सीएम मॉनिट में विधायकों द्वारा ट्रांसफर के सौ से भी ज्यादा आवेदन हैं, लेकिन इसमें से कमलनाथ ने A व A+ कैटेगरी के ट्रांसफर आवेदनों को मंजूरी देने के निर्देश मुख्य सचिव एसआर मोहंती को दिए हैं। इनकी संख्या करीब 60 है।
मंत्रालय में दलाल सक्रिय
लगातार हो रहे ट्रांसफर पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि मप्र की स्थिति खतरनाक और भयावह है। चारों तरफ प्रशासनिक अराजकता है। मंत्रालय में रोज 5 से 7 हजार लोग तबादले के लिए घूम रहे है। मंत्रालय में दलाल सक्रिय है। अरबों रुपए का लेन-देन हो रहा है। भार्गव ने कहा कि हमारे समय में भी बहुत इंवेस्टर मीट हुई, लेकिन इंवेस्टमेंट नहीं आया।
प्रभारी मंत्री भी कर सकेंगे तबादले
सामान्य प्रशासन विभाग के सूत्रों का कहना है कि 2017-18 की तबादला नीति में मौजूद जिलों व तहसीलों के बीच होने वाले तबादलों के लिए भी प्रभारी मंत्रियों को मौखिक रूप कह दिया गया है। प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से ही ये तबादले हो जाएंगे। यहां बता दें कि अभी तक साढ़े सात सौ तबादले हो चुके हैं।
प्रदेश में अपराध बढ़ रहे हैं, सरकार तबादलों में व्यस्त
BJP प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि सरकार तबादला उद्योग से ध्यान हटाकर प्रदेश में कानून की चिंता करे, क्योंकि पिछले कुछ ही दिनों में प्रदेश में हत्या, लूट, पुलिस पर हमले और अपहरण की वारदातों की बाढ़ सी आ गई है। कमलनाथ की हालत बेबस व्यक्ति जैसी दिखाई देती है। एक अधिकारी का तबादला करते हैं और थोड़ी देर बाद उसे बदल देते हैं।