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भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर में हुई दुष्कर्म की घटना के बाद रेप पीड़िता के लिए इंदौर में मकान और दुकान देने का ऐलान किया था, लेकिन इसे लेकर कोई आदेश जारी नहीं हुआ. इसके कारण इंदौर विकास प्राधिकरण ने पीड़िता को मकान और दुकान खाली करने के निर्देश दे दिए. हालांकि जानकारी होते ही सीएम कमलनाथ ने निर्देश देते हुए आईडीए को लिखित आदेश जारी करने के लिए कहा है.
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि 26 जून 2018 को मंदसौर में 8 साल की बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई थी. इस मामले में पूर्व की शिवराज सरकार ने पीड़िता के लिए इंदौर में मकान और दुकान आवंटित करने के निर्देश मौखिक रूप से दिए थे. मुख्यमंत्री के निर्देश के चलते इंदौर विकास प्राधिकरण ने तुरंत पीड़िता के लिए मकान और दुकान आवंटित कर दिए थे लेकिन जब इसकी औपचारिक आदेश शासन स्तर पर जारी नहीं हुए, तो इंदौर विकास प्राधिकरण पीड़िता के परिवार को आवंटित घर और दुकान खाली करने के निर्देश जारी कर दिए.
इस मामले की जानकारी जब मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए दी गई तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत इंदौर विकास प्राधिकरण के लिए पीड़िता के परिवार को दुकान और मकान आवंटित करने के निर्देश जारी करने के साथ लिखित आदेश जारी करने को कहा, साथ ही पीड़ित बच्ची की पढ़ाई का खर्चा सरकार उठाएगी, यह भी निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि पीड़िता के परिवार को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी. मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि हम पूर्व की सरकार की तरह हवा में कोई बात नहीं करते हैं लेकिन बड़े दुख की बात है कि जो खुद को बच्चियों का मामा कहते थे उन्होंने इस संवेदनशील मामले पर घोषणा मात्र की. उस पर अमल करने का कोई अधिकारिक आदेश जारी नहीं किया. जिसके कारण आज यह स्थिति उत्पन्न हुई लेकिन आज मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर इंदौर विकास प्राधिकरण में आदेश जारी कर दिया है और अब पूरी सरकार पीड़ित बच्ची के साथ खड़ी है. उसे किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी.