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भोपाल। मध्यप्रदेश में अब फाइलें आंखे बंद कर साइन नहीं होंगी क्योंकि आज से मध्यप्रदेश की राजगद्दी पर बैठे सीएम कमलनाथ ने इसका इशारा दे दिया है. कमलनाथ ने शपथ ग्रहण के बाद सीधे एनेक्सी का रूख किया. जहां उन्होने पांच फाइलों पर साइन किया लेकिन पहली फाइल सामने आते ही सीएम कमलनाथ ने पहले फाइल को पढ़ा और उसमें संशोधन करवाया फिर जाकर हस्ताक्षर किया.
मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने अधिकारियों के साथ पहली बैठक में सख्त लहजा दिखाया है. उन्होने कहा कि जिलों में होने वाले काम न होने की शिकायत लेकर यदि उन तक कोई पहुंचा तो संबंधित अधिकारी कार्रवाई के लिए तैयार रहे. मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही सीएम कमलनाथ ने चार फाइलों पर हस्ताक्षर किया. मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल ने सीएम के सामने पहली फाइल हस्ताक्षर के लिए पेश की, लेकिन सीएम ने आदेश को पढ़ा और पहले उसमें कुछ संशोधन कराया. संशोधित आदेश पर ही उन्होंने हस्ताक्षर किए. जो सीधे तौर संकेत है कि अधिकारियों द्वारा पेश फाइलों पर आंख बंदकर साइन नहीं होंगे और नौकरशाही नहीं चलेगी. सीएम कमलनाथ ने मंत्रालय के आला अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को सरकार से बहुत अपेक्षाएं हैं. वह अब पहले की तरह सरकारी रोजगार नहीं ढूंढता, समाज में बहुत बदलावा आया है. सीएम ने अधिकारियों से पूछा कि आपको भी क्या यह बदलाव दिखाई देता है.
‘अधिकारियों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं’
कमलनाथ ने अधिकारियों से कहा कि योजनाएं तभी सफल होती हैं, जब उनका जमीन तक क्रियान्वयन ठीक से हो. प्रदेश में कई योजनाएं ऐसी हैं, जिसका क्रियान्वयन ही पूरी तरह से फेल है, इसमें सुधार करना पड़ेगा. सीएम ने भ्रष्टाचार पर सख्त रवैया दिखाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार गांवों से ही शुरू होता है. 90 फीसदी लोगों को ग्राम पंचायत से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक ही काम होते हैं. वे मंत्रालय नहीं आना चाहते. यदि कोई उनके पास आया कि यह प्रमाण पत्र नहीं बना और मेरे कहने पर अधिकारी बोले कि मैं करा दूंगा तो ऐसे अधिकारी मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा. उन्होंने कहा कि मुझसे वहीं मदद मांगी जाए जो न होने वाला काम है.