Home / प्रदेश / मप्र छत्तीसगढ़ / ज्योतिरादित्य सिंधिया को क्या दिया जाए, हाईकमान गंभीर, ये फैसले संभव

ज्योतिरादित्य सिंधिया को क्या दिया जाए, हाईकमान गंभीर, ये फैसले संभव

नई दिल्ली। कमलनाथ की तुलना में थोड़ा जल्दी से नाराज हो जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने महत्वाकांक्षी पद को त्यागकर हाईकमान का भरोसा जीत लिया है। सिंधिया ने जिस सरलता से आक्रोशित विधायकों को नियंत्रित किया और कमलनाथ के नाम पर सहमति दी। इसका फायदा ना केवल सिंधिया को मिलेगा बल्कि उनके समर्थक विधायकों को भी मिलने वाला है। मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को साधने के लिए भी कांग्रेस कोई प्रयोग कर सकती है।  हिंदी पट्टी के इन तीन अहम राज्यों को कांग्रेस अब आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बेहद अहम मानकर चल रही है। तीनों राज्यों से लोकसभा…

Review Overview

User Rating: 1.35 ( 1 votes)
नई दिल्ली। कमलनाथ की तुलना में थोड़ा जल्दी से नाराज हो जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने महत्वाकांक्षी पद को त्यागकर हाईकमान का भरोसा जीत लिया है। सिंधिया ने जिस सरलता से आक्रोशित विधायकों को नियंत्रित किया और कमलनाथ के नाम पर सहमति दी। इसका फायदा ना केवल सिंधिया को मिलेगा बल्कि उनके समर्थक विधायकों को भी मिलने वाला है।
मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को साधने के लिए भी कांग्रेस कोई प्रयोग कर सकती है।  हिंदी पट्टी के इन तीन अहम राज्यों को कांग्रेस अब आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बेहद अहम मानकर चल रही है। तीनों राज्यों से लोकसभा की 65 सीटें आती हैं। यदि कांग्रेस यहां अपना मजबूत प्रभाव बनाए रखती है तो 2019 की लड़ाई में वह मजबूती से डट सकती है। 2014 में इन तीनों ही राज्यों में बीजेपी ने एक तरह से क्लीन स्वीप ही कर दिया था।
पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि मध्य प्रदेश से सबसे अधिक फायदा हो सकता है, जहां सिंधिया की सीएम पद की महत्वाकांक्षा के बाद भी संगठन में एकता नजर आ रही है। यहां बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर दी थी, ऐसे में लोकसभा चुनाव के लिए वह भी कमर कस रही है। कांग्रेस को यहां 15 साल बाद सत्ता मिली है और कार्यकर्ता उत्साहित हैं। इसके अलावा वह किसानों के कर्जमाफी जैसे फैसलों से भी 2019 की राह आसान करने की जुगत में है।
सिंधिया के राजी होने से बढ़ा हाईकमान का भरोसा 
कमलनाथ के पक्ष में राजी होने पर सिंधिया के प्रति पार्टी हाईकमान का भरोसा बढ़ा है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी अब उन्हें साधने के लिए राज्य इकाई का अध्यक्ष बना सकती है या फिर राष्ट्रीय महासचिव का पद दिया जा सकता है। यह भी माना जा रहा है कि सिंधिया अपने किसी करीबी के नाम की सिफारिश डेप्युटी सीएम के तौर पर कर सकते हैं।

 

नई दिल्ली। कमलनाथ की तुलना में थोड़ा जल्दी से नाराज हो जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने महत्वाकांक्षी पद को त्यागकर हाईकमान का भरोसा जीत लिया है। सिंधिया ने जिस सरलता से आक्रोशित विधायकों को नियंत्रित किया और कमलनाथ के नाम पर सहमति दी। इसका फायदा ना केवल सिंधिया को मिलेगा बल्कि उनके समर्थक विधायकों को भी मिलने वाला है। मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को साधने के लिए भी कांग्रेस कोई प्रयोग कर सकती है।  हिंदी पट्टी के इन तीन अहम राज्यों को कांग्रेस अब आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बेहद अहम मानकर चल रही है। तीनों राज्यों से लोकसभा…

Review Overview

User Rating: 1.35 ( 1 votes)

About Dheeraj Bansal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

x

Check Also

मंत्रियों को पसंद नहीं आ रहीं पुरानी इनोवा, स्टेट गैरेज ने नई गाड़ियां खरीदने वित्त विभाग को भेजा प्रस्ताव

मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट के मंत्रियों को 3 माह पहले उपलब्ध कराई ...