जिला अस्पताल में अब परामर्श मिलना शुरू होगा
ग्वालियर। जिला अस्पताल में मरीजों को परामर्श मिलना शुरू नहीं हो सका। जबकि भवन का उद्घाटन 30 सितंबर को केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कर चुके हैं। उद्घाटन के दो महीना गुजरने के बाद भी मरीजों के लिए पूरी तरह से अस्पताल तैयार नहीं हो सका। हालात यह है कि मरीजों को परामर्श लेने के लिए प्रसूतिगृह जाना पड़ता है और भर्ती जिला अस्पताल में किया जाने लगा है। अस्पताल को पूरी तरह से शुरू होने में अभी करीब एक महीने का वक्त और लगेगा। तबतक मरीजों को इसी तरह से परेशान होना पड़ेगा। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का दाबा है कि…
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ग्वालियर। जिला अस्पताल में मरीजों को परामर्श मिलना शुरू नहीं हो सका। जबकि भवन का उद्घाटन 30 सितंबर को केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कर चुके हैं। उद्घाटन के दो महीना गुजरने के बाद भी मरीजों के लिए पूरी तरह से अस्पताल तैयार नहीं हो सका। हालात यह है कि मरीजों को परामर्श लेने के लिए प्रसूतिगृह जाना पड़ता है और भर्ती जिला अस्पताल में किया जाने लगा है। अस्पताल को पूरी तरह से शुरू होने में अभी करीब एक महीने का वक्त और लगेगा। तबतक मरीजों को इसी तरह से परेशान होना पड़ेगा। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का दाबा है कि अगले दो दिन में वह ओपीडी भी जिला अस्पताल में शुरू कर देंगे।
गौरतलब है कि जिला अस्पताल का उन्नयन कार्य करने के चलते अगस्त के आखिर में खाली करा दिया गया था। जिसके बाद 30 सितंबर को आधे अधूरे भवन का चुनाव के चलते केन्द्रीय मंत्री ने भवन का उद्घाटन कर दिया था। तब यह कहा गया था कि दस दिन में जिला अस्पताल मरीजों के लिए खोल दिया जाएगा। लेकिन आज तक जिला अस्पताल में मरीजों को पूरी तरह से उपचार मिलना संभव नहीं हो सका।
जिला अस्पताल में अब परामर्श मिलना शुरू होगा
ग्वालियर। जिला अस्पताल में मरीजों को परामर्श मिलना शुरू नहीं हो सका। जबकि भवन का उद्घाटन 30 सितंबर को केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कर चुके हैं। उद्घाटन के दो महीना गुजरने के बाद भी मरीजों के लिए पूरी तरह से अस्पताल तैयार नहीं हो सका। हालात यह है कि मरीजों को परामर्श लेने के लिए प्रसूतिगृह जाना पड़ता है और भर्ती जिला अस्पताल में किया जाने लगा है। अस्पताल को पूरी तरह से शुरू होने में अभी करीब एक महीने का वक्त और लगेगा। तबतक मरीजों को इसी तरह से परेशान होना पड़ेगा। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का दाबा है कि…
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