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शहर की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था की एक बड़ी वजह ट्रैफिक इंजीनियरिंग से जुड़ी खामियां भी हैं। सड़कों पर लेफ्ट टर्न, रोटरी की डिजाइन में गड़बड़ से लेकर जगह-जगह बोटलनेक की स्थिति है। इसी के चलते ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ रही है। इसके चलते पुलिस अब ट्रैफिक इंजीनियरिंग विशेषज्ञ के साथ मिलकर यह खामियां ढूंढ रही है। इसे लेकर एक सर्वे करवाया जा रहा है। इसकी शुरुआत शनिवार से हो गई।
पहले दिन मोटेल तानसेन तिराहे से लेकर अचलेश्वर चौराहे तक सर्वे किया गया। इसमें ट्रैफिक इंजीनियरिंग से जुड़ी खामियां देखी। अब इसी तरह दूसरे रास्तों पर भी सर्वे किया जाएगा। शहर में ट्रैफिक सबसे बड़ी समस्या है। हर सड़क पर ट्रैफिक उलझा हुआ है। कहीं सड़क पर अतिक्रमण की वजह से तो कहीं खामियों की वजह से। कई जगह ट्रैफिक इंजीनियरिंग से जुड़ी खामियां ही ट्रैफिक बिगाड़ रही हैं। यह मामला हाल ही में प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट की बैठक में भी उठा। इसके बाद एएसपी ऋषिकेश मीणा ने माधव इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी के प्रबंधन से संपर्क किया। एमआइटीएस के आर्किटेक्चर एवं प्लानिंग विभाग की प्रोफेसर डा.अंजलि पाटिल के साथ सर्वे करने का निर्णय लिया गया। पहले दिन सबसे पहले पुलिस कंट्रोल रूम से इसकी शुरुआत हुई। पुलिस कंट्रोल रूम से एमआइटीएस की विशेषज्ञ और एएसपी मीणा, डीएसपी नरेश अन्नोटिया मोटेल तानसेन तिराहे पर पहुंचे। यहां लेफ्ट टर्न ही बाधित है, क्योंकि यहां डीपी रखी हुई है। इसे हटवाने को लेकर सुझाव दिया। फिर आगे पहुंचे, यहां पड़ाव आरओबी के बोटलनेक को भी देखा। सिटी सेंटर वापस पहुंचकर अचलेश्वर चौराहे तक अलग-अलग रास्ते देखे। यहां 7 प्वाइंट चिन्हित किए, जहां सुधार की गुंजाइश है। इसमें बोटलनेक से लेकर स्पीड ब्रेकर और रोटरी की डिजाइन तक शामिल है।