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एक समय भाजपा के दिग्गज नेता रहे डा. सतीश सिकरवार का आज भी कांग्रेस में जाने के बाद भाजपाईयों में रूतबा कायम है। भाजपा की आज ग्वालियर पूर्व विधानसभा में दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। जब से कांग्रेस से सतीश विधायक बने है। उन्होंने विधानसभावासियों का अपने व्यवहार और काम से दिल जीत लिया है। उनकी लोकप्रियता विधानसभा में इस कदर बढ़ी है कि अब भाजपा के पास कोई तगड़ा प्रत्याशी दिखाई नहीं देता है।
कमल दल में ग्वालियर पूर्व को लेकर बैचेनी है। पार्टी तरह तरह के सर्वे भी करवा रही है। हर सर्वे में पार्टी की रिपोर्ट निगेटिव दिख रही है। ऐसे में अब भाजपाई भी चुनाव लड़ने से कतरा रहे है। हालांकि मुन्नालाल गोयल आज भी टिकट के लिये बैचेन है और उन्होंने महाराज दरबार में दबाब भी बना रखा है। वहीं पार्टी को फिर से मुन्नालाल के हार का अंदेशा है। इसलिये पार्टी अपने ही किसी अन्य मूल भाजपाई को मैदान में उतारने का मन बना रही है। यहां से पूर्व में विधायक रहे अनूप मिश्रा, माया सिंह के नामों पर भी विचार है। अनूप पर पार्टी पाजीटिव रूख अपना सकती है, क्योंकि विधानसभा में उनका तगड़ा नेटवर्क है। वह अपने पूर्व के कामों से आज भी लोगों के दिलों में है। अगर अनूप को टिकट मिलता है तो सतीश के साथ मुकाबला रोचक हो सकता है। वहीं माया सिंह के लिये भी फीडबैक है। परंतु मुन्नालाल को लेकर पार्टी में मतभेद देखने को मिल रहा है।