Review Overview
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के दौरान अपनी रैंकिंग सुधारने के लिए नगर निगम इंदौर की तर्ज पर इंटेलीजेंट कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी पर आधारित साफ्टवेयर और मोबाइल एप नगर ग्वालियर तैयार कराएगा। इसकी जिम्मेदारी उसी कंपनी को सौंपी गई है, जिसने इंदौर में पूरा सिस्टम तैयार किया था। हर घर तक गाड़ी पहुंचाने के लिए कंपनी जल्द ही 66 वार्डों में जियो मैपिंग करने जा रही है, ताकि टिपर वाहनों के रूट निर्धारित कर उन्हीं पर चलाया जाए। इसके अलावा इस एप में सिटीजन अलर्ट की भी व्यवस्था की जाएगी। इसके चलते वाहन आने से 10 मिनट पहले ही मोबाइल पर नोटिफिकेशन आ जाएगा, ताकि लोग समय से गाड़ियों में कचरा डाल सकें।
वर्तमान में शहर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहन सिर्फ मुख्य मार्गों से ही कचरा उठाते हुए नजर आते हैं। ज्यादातर इलाकों में ये गाड़ियां पहुंचती ही नहीं हैं। इसके चलते लोग सड़कों व खाली प्लाटों पर कचरा फेंकते हैं और जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे नजर आते हैं। नगर निगम ने वर्तमान में इन गाड़ियों की निगरानी की जो व्यवस्था की है, उससे सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है। ऐसे में नगर निगम ने इंदौर की ब्रेन एबव प्राइवेट लिमिटेड को डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन को फुलप्रूफ बनाने की योजना तैयार की है। कंपनी को स्वच्छ सर्वेक्षण के दस्तावेजीकरण की जिम्मेदारी देने के साथ ही ये मोबाइल एप तैयार करने का भी दायित्व सौंपा गया है। लगभग 40 लाख रुपये कीमत में कंपनी सभी संपत्तियों की जियो मैपिंग, टिपर वाहनों के जीपीएस, साफ्टवेयर और मोबाइल एप तैयार करने के साथ ही इसकी निगरानी का जिम्मा भी उठाएगी।
स्वच्छता के कार्य में जुटे सभी अधिकारी और कर्मचारियों के मोबाइल पर इस एप का एक डैशबोर्ड भी रहेगा। जोनल अधिकारियों व सहायक स्वास्थ्य अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में गाड़ियों की सटीक जानकारी मिलेगी। इसमें यह भी व्यवस्था रहेगी कि यदि गाड़ी अपने निर्धारित रूट का पूरा चक्कर नहीं लगाती है, तो दैनिक रिपोर्ट में इसका उल्लेख होगा। ऐसे में चालकों पर कार्रवाई की जाएगी। वाहन चालक को निर्धारित रूट पर जाना ही पड़ेगा। इसका एक ट्रायल वार्ड क्रमांक 58 में किया जा चुका है, जो सफल रहा है।