कार्यपरिषद सदस्यः शिक्षा के मंदिर में शक्ति प्रदर्शन की क्या जरूरत?
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में हाल ही में मनोनीत किये गये कार्यपरिषद सदस्य डा. विवेक सिंह भदौरिया सवालों के घेरे में आ गये है। उन पर आरोप है कि शिक्षा के मंदिर में शक्ति प्रदर्शन क्यों करना पड़ा है? जबकि वह सादगी से पहुंचकर भी अपना पदभार सम्हाल सकाते थे। हुआ यूं कि पिछले दिनों राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने डा. विवेक सिंह भदौरिया को जीवाजी विश्वविद्यालय का कार्यपरिषद सदस्य मनोनीत किया था। अपने मनोनयन के बाद सोमवार को डा. भदौरिया भारी भरकम भीड़भाड़ व बाउंसरों को लेकर अपना पदभार ग्रहण करने पहुंचे। उनके साथ आये लोगों ने विश्वविद्यालय परिसर में आतिशबाजी…
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ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में हाल ही में मनोनीत किये गये कार्यपरिषद सदस्य डा. विवेक सिंह भदौरिया सवालों के घेरे में आ गये है। उन पर आरोप है कि शिक्षा के मंदिर में शक्ति प्रदर्शन क्यों करना पड़ा है? जबकि वह सादगी से पहुंचकर भी अपना पदभार सम्हाल सकाते थे।
हुआ यूं कि पिछले दिनों राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने डा. विवेक सिंह भदौरिया को जीवाजी विश्वविद्यालय का कार्यपरिषद सदस्य मनोनीत किया था। अपने मनोनयन के बाद सोमवार को डा. भदौरिया भारी भरकम भीड़भाड़ व बाउंसरों को लेकर अपना पदभार ग्रहण करने पहुंचे। उनके साथ आये लोगों ने विश्वविद्यालय परिसर में आतिशबाजी भी जलाई। इससे परिसर में छात्रों में अफरातफरी का माहौल बन गया। वहीं कार्यपरिषद सदस्य के आने की खबर पर विश्वविद्यालय के कर्मचारी भी वहां फूलमाला लेकर आ गये और उनके स्वागत सत्कार किया। इसके कारण कालेज में जहां कामकाज प्रभावित हो गया, वहीं बच्चों को भी खासा दिक्कत उठानी पड़ी। इस पूरे मामले के दौरान छात्र छात्रा इधर उधर भटकते रहे। अब सवाल यह है कि कार्यपरिषद सदस्य जैसे जिम्मेदार ओहदे के व्यक्ति को शक्ति प्रदर्शन की क्या जरूरत है? उन्हें सादगी से आकर अपना पदभार सम्हालना चाहिए था, क्योंकि यह शिक्षा का मंदिर है ना कि कोई राजनीतिक अखाड़ा। यहां बता दे कि इससे पहले 25 मई को भी कार्यपरिषद सदस्य प्रदीप शर्मा ने पदभार ग्रहण के दौरान जमकर शक्ति प्रदर्शन किया था।
कार्यपरिषद सदस्यः शिक्षा के मंदिर में शक्ति प्रदर्शन की क्या जरूरत?
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में हाल ही में मनोनीत किये गये कार्यपरिषद सदस्य डा. विवेक सिंह भदौरिया सवालों के घेरे में आ गये है। उन पर आरोप है कि शिक्षा के मंदिर में शक्ति प्रदर्शन क्यों करना पड़ा है? जबकि वह सादगी से पहुंचकर भी अपना पदभार सम्हाल सकाते थे। हुआ यूं कि पिछले दिनों राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने डा. विवेक सिंह भदौरिया को जीवाजी विश्वविद्यालय का कार्यपरिषद सदस्य मनोनीत किया था। अपने मनोनयन के बाद सोमवार को डा. भदौरिया भारी भरकम भीड़भाड़ व बाउंसरों को लेकर अपना पदभार ग्रहण करने पहुंचे। उनके साथ आये लोगों ने विश्वविद्यालय परिसर में आतिशबाजी…
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