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ग्वालियर। ग्वालियर शहर में 15 जून से मानसून सक्रिय हो जाएगा। इस मानसून में शहर की बदहाल सड़कें मानसून के मौसम में भयानक दर्द देने वाली है। पिछले तीन साल से नगर निगम ने सड़कों का निर्माण कार्य नहीं किया है। शहर की अधिकांश सड़कों का गारंटी पीरियड खत्म हो चुका है । सबसे ज्यादा बदहाल हालत स्मार्ट रोड एवं फूलबाग से किलागेट तक बनने वाली सड़क की है । इसके साथ ही गैंडेवाली सड़क सहित करीब 100 सड़के हैं जो कि बदहाल हैं।
ग्वालियर शहर में बदहाल सड़कों के निर्माण के लिए नगर निगम को 260 करोड़ रुपये चाहिए। इसके लिए नगर निगम ने शासन से पैसों की मांग की है, लेकिन अभी तक पैसे स्वीकृत नहीं हुए हैं। इसके कारण शहर की सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है। वहीं 15 जून से मानसून की आहट होने के साथ ही सड़कों के निर्माण कार्याे पर रोक लगा जाती हैं । इसके कारण अब शहर में अक्टूबर माह के बाद ही सड़काें का निर्माण कार्य प्रारंभ हो पाएगा। वर्ष 2021 में बारिश के दौरान शहर की एक भी सड़क ऐसी नहीं थी जिस पर गहरे एवं बड़े-बड़े गढड़े नहीं हुए हों। इन गढड़ों के कारण दो पहिया वाहन चालकों को कमर दर्द की शिकायत हो गई थी। वहीं चार पहिया वाहनों में टूट फूट होने लगी थी। शहर की बदहाल सड़कों को लेकर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने निरीक्षण किया था और तात्कालीन अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव से बोण्ड भरवाया था । साथ ही हर दिन नगर निगम द्वारा किए जा रहे पेचवर्क की फोटो कलेक्टर कार्यालय में भेजने का निर्देश दिया था। अमृत योजना के तहत 747 किलोमीटर लंबी सड़कों का रेस्टोरेशन किया गया है, इनमें से अधिकांश सड़कें खस्ताहाल हो चुकी हैं। इसके कारण कई जगह सड़कें धसकी हैं तो कई जगह अभी तक रेस्टोरेशन ही नहीं हुआ है। इसके चलते बारिश के मौसम में गलियों एवं कालोनियों की सबसे ज्यादा हालत खराब होगी।