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ग्वालियर। शहर के सबसे बड़े लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम की भी हालत खराब है। यहां पर लोगों को टूटे टीनशेडों व चबूतरों में अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। हालांकि यह मुक्तिधाम नगर निगम के अधीन है, यहां पर तत्कालीन निगमायुक्त शिवम वर्मा ने सारे इंतजाम ठीक करने के निर्देश दिए थे, लेकिन उनके जाने के बाद सारे निर्देश हवा हो गए हैं।
लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में एक बार में करीब 20 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा सकता है, लेकिन यहां पर करीब 6 टीनशेड टूटे हुए हैं, इसके कारण इन टीनशेडों का उपयोग अंतिम संस्कार के लिए नहीं हो पा रहा है। बारिश के मौसम में यहां पर इन टीनशेडों से पानी बहता है, जिसके कारण अंतिम संस्कार नहीं हो पाता है। लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है और इसके ऊपर टीनशेड लगे हुए हैं, लेकिन यहां पर आने वाले लोगों की संख्या के हिसाब से टीनशेड काफी कम हैं, जबकि विद्युत शवदाह गृह पक्का बना हुआ है, लेकिन इसका ताला लगा रहता है।
मुक्तिधाम के अंदर आवारा श्वानों का जमघट लगा रहता है, जो यहां आने वाले लोगों को परेशान करते हैं। कई बार यह लोगों को काट भी चुके हैं। इसके बाद भी इन श्वानों को यहां से भगाने की व्यवस्था नहीं की गई है, जबकि कुत्तों को पकडऩे का कार्य भी नगर निगम का है। दो महीने बाद शहर में मानसून की दस्तक होगी, अगर इससे पहले यहां पर टीनशेड ठीक नहीं किए गए तो सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। मुक्तिधाम में बने चबूतरे क्षतिग्रस्त हालत में पड़े हुए है। इनकी हालत यह हो गई है कि इन चबूतरों में कचरे के ढेर लगे हुए है। लेकिन इनकी सफाई करने वाला कोई भी नहीं है। यहां पर अंतिम संस्कार करने वाले लोग ही गंदगी कर चले जाते है।