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ग्वालियर। समतामूलक समाज की स्थापना के लिए आंदोलन जरूरी है किंतु अहिंसक आंदोलन से सामाजिक बदलाव संभव होगा। दुनिया में शस्त्र बनाने वाली कम्पनियां और हिंसा को पोषित करने वाले लोग अपने स्वार्थो के लिए गांधीवाद को कमजोर करने में लगे हैं, जो एक साजिश है। उक्त उद्गार एकता परिषद के संस्थापक और प्रख्यात गांधीवादी राजगोपाल पी.व्ही. ने ग्वालियर के मेला ग्राउण्ड के मंगल वाटिका में आयोजित जनांदोलन 2018 और युवा समाज विषय पर कही।
राजगोपाल पी.व्ही. ने कहा कि गांधी जी का मानना था कि समाज में हाशिये पर खड़े अंतिम व्यक्ति या समुदाय के उत्थान में ही पूरी दुनिया की भलाई है। उन्होने कहा कि गांधी जी के ताबीज का उदाहरण देते हुए कहा कि जब भी कोई कार्य करने जा रहे हों या निर्णय लेने जा रहे हो तो यह सोंचे कि उससे समाज के अंतिम व्यक्ति को क्या हासिल हो रहा है। उन्होने कहा कि समाज परिवर्तन में युवाओं की बहुत बड़ी भूमिका है। युवाओं को तय करना है कि 21 वीं सदी का भारत इस तरह से बनाना है जहां पर भूख,भय और हिंसा का कोई स्थान नहीं हो। उन्होने जनांदोलन 2018 के लिए युवाओं से अपील करते हुए कहा कि युवाओं को समाज परिवर्तन के कार्य में आगे आने की जरूरत है और यह कार्य अहिंसक आंदोलन से ही संभव है।
युवाओं को सम्बोधित करते हुए एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि देश की 56 फीसदी आबादी के पास अपना मकान नहीं है इसलिए आवासीय भूमि अधिकार गांरटी कानून की मांग की जा रही है। अनिल भाई ने कहा कि जल, जंगल और जमीन पर वंचित समुदाय के अधिकार को सुनिश्चित किये बिना स्वावलम्बी समाज की रचना संभव नहीं है। महादेव समर्पण सेवा संस्थान, ग्वालियर के अमित द्विवेदी ने कहा कि जनांदोलन की व्यवस्था के लिए बड़े पैमाने पर नवजवान स्वयंसेवक भूमिका निभायेंगे। हरिमोहन ने कहा कि ग्वालियर के नवजवान जनांदोलन में बढ चढकर हिस्सा लेंगे और सत्याग्रहियों को रेलवे स्टेशन पर स्वागत कर मेला मैदान पहुॅंचाने का काम स्वयंसेवक रूचि के साथ करेंगे। विमुक्त समाज संगठन की डा. रेनू छारी ने कहा कि देश की आजादी के 70 साल बाद भी 11 फीसदी घुमंतु परिवारों के पास रहने के लिए आवास नहीं है, जो दर-दर की ठोकर खाते हैं।
युवा संवाद का आयोजन एकता परिषद और महादेव समर्पण सेवा संस्थान के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़, असम, बिहार, उत्तरप्रदेश और ग्वालियर शहर के उत्साही नवजवानों ने भाग लिया। ज्ञात हो कि 2 अक्टूबर से मेला मैदान ग्वालियर में भूमि अधिकार सत्याग्रह प्रारंभ हो रहा है जिसमें पूरे देश से वंचित समुदाय के 25 हजार लोग आंदोलन करेंगे। युवा संवाद को संतोष सिंह, राकेश सिंह यादव, जयंत भाई, अनामिका खरे इत्यादि ने सम्बोधित किया। इस संवाद में छत्तीसगढ़ के मुरली दास संत,हरिमोहन भसनेरिया, मनीषा राजपूत, पत्रकार टी.एन.मनीष, पत्रकार गोपाल गुप्ता पहारिया, सीताराम सोनवानी इत्यादि लगभग तीन दर्जन युवाओं ने भाग लिया।