Home / अंतरराष्ट्रीय / उड़ान हो तो मोदी जी की तरह

उड़ान हो तो मोदी जी की तरह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लेने और संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के लिए इस वक्त अमेरिका में हैं। प्रधानमंत्री बुधवार को एयर इंडिया की फ्लाइट से अमेरिका के लिए रवाना हुए। दशकों बाद यह मौका आया है जब प्रधानमंत्री का विमान नई दिल्ली से उड़ान भरने के बाद जर्मनी के फ्रैंकफर्ट सिटी में नहीं उतरा और सीधे अमेरिका पहुंचा। दरअसल पहले इतनी लंबी यात्रा के दौरान विमान को ईंधन लेने के लिए जर्मनी में उतरना पड़ता था लेकिन पीएम इस बार सीधे अमेरिका पहुंचे।मोदी जी की इस उपलब्धि से आप गदगद हो सकते हैं ,लेकिन मै…

Review Overview

User Rating: 4.63 ( 3 votes)


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लेने और संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के लिए इस वक्त अमेरिका में हैं। प्रधानमंत्री बुधवार को एयर इंडिया की फ्लाइट से अमेरिका के लिए रवाना हुए। दशकों बाद यह मौका आया है जब प्रधानमंत्री का विमान नई दिल्ली से उड़ान भरने के बाद जर्मनी के फ्रैंकफर्ट सिटी में नहीं उतरा और सीधे अमेरिका पहुंचा। दरअसल पहले इतनी लंबी यात्रा के दौरान विमान को ईंधन लेने के लिए जर्मनी में उतरना पड़ता था लेकिन पीएम इस बार सीधे अमेरिका पहुंचे।मोदी जी की इस उपलब्धि से आप गदगद हो सकते हैं ,लेकिन मै नहीं ,क्योंकि मै तो न जाने कब से अमेरिका सीधे और बिना जर्मनी में रुके अमेरिका पहुंचता रहा हूँ .मुझे केवल एक बार एम्स्टर्डम [नीदरलैंड] में रुकना पड़ा था .
महिमा मंडन में सिद्ध हस्त गोदी मीडिया के लिए मोदी जी के विमान का जर्मनी में न रुकना ही बड़ी खबर बन गयी ,जबकि अमेरिका के लिए जाने वाले तमाम विमान पहले से वाशिंगटन,न्यूयार्क,सेनफ्रांस्सिको के लिए सीधी उड़ान भरते हैं .ईंधन लेने के लिए उन्हें कभी भी बीच में नहीं रुकना पड़ता .मै तो अभी दो रोज पहले ही अमेरिका के शिकागो शहर से सीधी उड़ान भरकर भारत पहुंचा हूँ.ये बात और है कि मेरा विमान मेरा अपना नहीं बल्कि यूनाइटेड अमेरिका का था ,और उसमें मेरे जैसे तीन सैकड़ा से ज्यादा लोग थे.
प्रधानमंत्री के विमान को सीधे अमेरिका पहुँचाने के लिए गरीब भारत को 4500 करोड़ रूपये खर्च करके नया विमान खरीदना पड़ा .आखिर देश की इज्जत का सवाल जो था. जब अमेरिका का राष्ट्रपति सीधे अमेरिका से लम्बी उड़ान भर सकता है तो हमारा प्रधानमंत्री ऐसा क्यों न करे ? मुझे इस विमान के खरीदे जाने से कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि ये विमान औरों के भी काम आता है ,मेरी आपत्ति तो इस विमान की लम्बी उड़ान के झूठे श्रेय को लेकर है .गोदी मीडिया कहता है कि करीब 15 घंटे लंबी इस यात्रा को बिना रुके पूरा करने का श्रेय पीएम मोदी के अत्‍याधुनिक एयर इंडिया वन प्‍लेन को जाता है जिसे हाल ही में शामिल किया गया है। एयर इंडिया के इस वीवीआईपी एयरक्राफ्ट को 4500 करोड़ से ज्यादा की कीमत में खरीदा गया है। इस एयरक्राफ्ट में बिना रूके लंबी उड़ान भरने की क्षमता है। यानी लंबी दूरी के लिए उड़ाने भरने के बावजूद इस एयरक्राफ्ट को दोबारा ईंधन लेने की जरुरत नहीं पड़ती है।
प्रधानमंत्री जी की दूसरी बड़ी उपलब्धि उनके द्वारा पाकिस्तान के हवाई मार्ग के इस्तेमाल को बताया जा रहा है ,अरे भाई ये उपलब्धि तो उन हजारों भारतीयों के हिस्से में पहले से है जो अमेरिका आ-जा रहे हैं. मैंने भी इसी पाकिस्तानी हवाई मार्ग का इस्तेमाल किया .प्रधानमंत्री के विमान ने बुधवार को उड़ान भरी थी और रास्ते में पाकिस्तानी एयरस्पेस का इस्तेमाल किया गया था। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के श्रीलंका दौरे के दौरान उनके विमान ने भारतीय एयरस्पेस का इस्तेमाल किया था।
कोरोनाकाल में हवाई यात्रा करना कठिन काम है. यह दूसरा मौका है जब प्रधानमंत्री ने न्यू एयर इंडिया वन विमान में बैठ कर उड़ान भरी थी। इससे पहले वो इस साल मार्च के महीने में इस विमान से बांग्लादेश गये थे। हालांकि, उनका यह संक्षिप्त दौरा था।मै भी कोरोनाकाल में अमेरिका गया था और मेरा दौरा प्रधानमंत्री जी की तरह एक-दो सप्ताह का नहीं बल्कि पूरे आठ महीने का था ,मेरी इस उपलब्धि को गोदी मीडिया न जाने क्यों ‘इगनोर’ करता रहता है .मेरा मोदी जी से कोई कम्पटीशन हो नहीं सकता .मोदी जी ने साल 2019 में अंतिम बार यूएस की यात्रा की थी। पीएम ने इस यात्रा के दौरान हाउसटन में आयोजित हाउडी मोदी में हिस्सा लिया था। इस यात्रा के दौरान भी उनका विमान फ्रैंकफर्ट में रुका था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का विमान भी फ्रैंकफर्ट में रुका करता था।
मै भी 2019 में हाउदी मोदी के समय अमेरिका में ही था ,लेकिन इस बार मै मोदी जी के अमेरिका पहुँचने से पहले भारत आ गया .मुझे बुरा लगा कि मोदी जी की अगवानी के लिए अमरीकी सरकार का कोई पिद्दी सा मंत्री भी हवाई अड्डे पर नहीं आया .2019 की तरह इस बार अमेरिका में ‘ मोदी-मोदी ‘ का नारा लगाने वाली भक्त मंडली भी कहीं नजर नहीं आयी .भारतीय प्रबंधको की ये लापरवाही नाकाबिले बर्दास्त है . अमेरिका की यात्रा लम्बी होने के कारण उबाऊ होती है लेकिन हमारे प्रधानमंत्री जी ने ट्वीट कर बताया कि वे कैसे इस उबाऊ यात्रा में सरकारी काम करते हैं. मै इस उबाऊ यात्रा में गजलें लिखता हूँ,क्योंकि मेरे पास कोई सरकारी काम होता नहीं है सिनेमा मै देखता नहीं,हाँ उड़ते विमान का नक्शा देखना मुझे अच्छा लगता है ,उसे मै लगातार दखकर अपनी श्रीमती को अमेरिका से दिल्ली पहुँचने का समय बताता रहता हूँ .
मुझे अच्छा लगा कि मोदी जी अपने साथ अपना वाणिज्य मंत्री नहीं ले जाते,वे पूरे मंत्रियों का काम खुद करते हैं .इस दौरे में उन्होंने कई कंपनीयों के सीईओ से मुलाकात की है। उनकी कोशिश है कि भारत और अमेरिका के बीच कारोबारी रिश्तों को और मजबूत किया जाए और साथ ही विदेशी निवेश भारत लाने की कोशिश की जाए। विदेशी निवेश लाना बहुत कठिन काम है,ये काम कोई वाणिजय मंत्री नहीं कर सकता,नौकरशाहों का दल तो बिलकुल नहीं कर सकता .प्रधानमंत्री मोदी और क्रिस्टियानो आर. आमोन, अध्यक्ष और सीईओ, क्वालकॉम ने भारत में हाई-टेक सेक्टर में निवेश के अवसरों पर बात की। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलिकॉम मैन्युफैक्चरिंग पीएलआई योजनाओं पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी और क्रिस्टियानो आर. आमोन, अध्यक्ष और सीईओ, क्वालकॉम के बीच सफल बैठक हुई। मोदी जी ने भारत की तरफ से प्रदान किए जाने वाले व्यापक अवसरों पर प्रकाश डाला। क्रिस्टियानो आर. आमोन ने भारत के साथ 5जी और अन्य क्षेत्रों में काम करने की इच्छा भी जताई।
‘ एक्ला चलो और ‘एकला सरकार चलाओ ‘ की नीति से सरकारी खर्च कम हो जाता है .सरकारी खर्च कम करने के लिए मोदी जी ने मुफ्तखोर मीडिया को साथ ले जाना पहले ही बंद कर दिया है. अब वे अपने साथ तमाम मंत्रियों,नौकरशाहों और व्यापारियों के प्रतिनिधि मंडलों को भी नहीं ले जाते .ले भी जाते हैं तो अपवाद स्वरूप. ये अच्छी बात है .सरकारी खर्च काम करना बहुत जरूरी है वरना नए संसद भवन के लिए पैसा कहाँ से आएगा ? यूं भी प्रधानमंत्री से मिलकर जैसे भारतीय उद्द्मियों को आनंद आता है वैसे ही अमरीकी सीईओज़ को भी आया .विदेशी निवेश खींचना अपनी जगह है और आनद की अनुभूति अपनी जगह .बहरहाल मै पूरे देश की तरह मोदी जी की अमेरिका यात्रा की सफलता की कामना करता हूँ .उम्मीद कीजिये कि वे खाली हाथ वापस न लौटें और उन्हें कभी फ्रेंकफुर्ट ईंधन लेने के लिए न रुकना पड़े .
@ राकेश अचल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लेने और संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के लिए इस वक्त अमेरिका में हैं। प्रधानमंत्री बुधवार को एयर इंडिया की फ्लाइट से अमेरिका के लिए रवाना हुए। दशकों बाद यह मौका आया है जब प्रधानमंत्री का विमान नई दिल्ली से उड़ान भरने के बाद जर्मनी के फ्रैंकफर्ट सिटी में नहीं उतरा और सीधे अमेरिका पहुंचा। दरअसल पहले इतनी लंबी यात्रा के दौरान विमान को ईंधन लेने के लिए जर्मनी में उतरना पड़ता था लेकिन पीएम इस बार सीधे अमेरिका पहुंचे।मोदी जी की इस उपलब्धि से आप गदगद हो सकते हैं ,लेकिन मै…

Review Overview

User Rating: 4.63 ( 3 votes)

About Dheeraj Bansal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

x

Check Also

पाकिस्तान में आर्थिक संकट 

(राकेश अचल) पिछले आठ साल में भारत और पड़ोसी पाकिस्तान के लिए ...