Home / ग्वालियर / फैसला: SC ने हनुमान जी को बनाया मंदिर की जमीन का मालिक

फैसला: SC ने हनुमान जी को बनाया मंदिर की जमीन का मालिक

ग्वालियर। शहर के लक्ष्मीगंज इलाके में स्थित हनुमानजी के एक मंदिर और मंदिर से लगी जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है. फैसले के मुताबिक मंदिर से लगी औकाफ की जमीन, बारादरी और बगीचे का मालिक हनुमानजी को घोषित किया गया है. हाल ही में दिए गए अपने जजमेंट में SC ने मंदिर में पूजा अर्चना करने वाले पुजारी को मंदिर के केयरटेकर के रूप में रहने का आदेश दिया है. मंदिर की जमीन को लेकर मामला बीते 7 सालों से चल रहा था. जिसके बाद हाल ही में राजस्व मंडल ने शहर के लक्ष्मीगंज इलाके में स्थित…

Review Overview

User Rating: 4.62 ( 5 votes)

ग्वालियर। शहर के लक्ष्मीगंज इलाके में स्थित हनुमानजी के एक मंदिर और मंदिर से लगी जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है. फैसले के मुताबिक मंदिर से लगी औकाफ की जमीन, बारादरी और बगीचे का मालिक हनुमानजी को घोषित किया गया है. हाल ही में दिए गए अपने जजमेंट में SC ने मंदिर में पूजा अर्चना करने वाले पुजारी को मंदिर के केयरटेकर के रूप में रहने का आदेश दिया है.
मंदिर की जमीन को लेकर मामला बीते 7 सालों से चल रहा था. जिसके बाद हाल ही में राजस्व मंडल ने शहर के लक्ष्मीगंज इलाके में स्थित श्री हनुमान मंदिर की जमीन को औकाफ की जमीन घोषित किया है. फैसले में साफ कहा गया है कि सार्वजनिक मंदिर और उसकी जमीन के मालिक मंदिर में विराजमान हनुमानजी की प्रतिमा होगी. यह मंदिर लक्ष्मीगंज के जागृति नगर में स्थित एक प्राचीन हनुमान मंदिर है. मंदिर के पास एक बगीचा और बारादरी भी है. मंदिर से लगी जमीन की पैमाइश 11 बिस्वा बताई गई हैं.
मंदिर के पास में रहने वाले विष्णु दत्त शर्मा ने मंदिर की इस जमीन को अपनी पुश्तैनी बताते हुए इसे अपने पिता द्वारा पट्टे में मिलना बताया जा रहा था. मंदिर के पक्ष में सुनवाई के दौरान यह तर्क दिया गया कि मंदिर घनी आबादी के बीच है. ऐसी जगह पर जमीन पट्टे पर नहीं दी जाती. इस मामले में स्थानीय निवासी वीएस घुरैया ने अपने एक सहयोगी पंडित नरेंद्र के साथ मिलकर इस जमीन पर विष्णु दत्त शर्मा के कब्जे को अवैध बताते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. हाईकोर्ट ने इस मामले में कलेक्टर के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत कर निराकरण के आदेश दिए थे, लेकिन कलेक्टर कोर्ट ने इस जमीन के बारे में स्पष्ट रूप से आदेशित नहीं किया था कि जमीन सरकारी है अथवा विष्णु दत्त शर्मा की है.
कलेक्टर कोर्ट ने इस जमीन को आंशिक रूप से विष्णु दत्त शर्मा की होने का भी अंदेशा जताया था. इसके बाद पक्षकार राजस्व मंडल में गए. जहां रेवेन्यू बोर्ड ने इस जमीन को सरकारी माना. विष्णु दत्त शर्मा ने इसके खिलाफ 2019 में पुनरीक्षण याचिका दायर की जिसपर इसी साल मई के महीने में अंतिम बहस हुई. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट का एतिहासिक फैसला आ गया जिसके मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र के मंदिर अथवा उससे जुड़ी संपत्ति का मालिकाना हक मंदिर में विराजमान मूर्ति को दिया है. सुप्रीम कोर्ट के नए निर्देशों के मुताबिक मध्य प्रदेश में यह पहला फैसला है जिसमें सार्वजनिक मंदिर की जमीन के मालिक हनुमान जी की प्रतिमा होगी.

ग्वालियर। शहर के लक्ष्मीगंज इलाके में स्थित हनुमानजी के एक मंदिर और मंदिर से लगी जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है. फैसले के मुताबिक मंदिर से लगी औकाफ की जमीन, बारादरी और बगीचे का मालिक हनुमानजी को घोषित किया गया है. हाल ही में दिए गए अपने जजमेंट में SC ने मंदिर में पूजा अर्चना करने वाले पुजारी को मंदिर के केयरटेकर के रूप में रहने का आदेश दिया है. मंदिर की जमीन को लेकर मामला बीते 7 सालों से चल रहा था. जिसके बाद हाल ही में राजस्व मंडल ने शहर के लक्ष्मीगंज इलाके में स्थित…

Review Overview

User Rating: 4.62 ( 5 votes)

About Dheeraj Bansal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

x

Check Also

निजी प्रैक्टिस कर रहे सरकारी डाक्टरों के क्लीनिकों पर छापे

(भास्कर प्लस) ग्वालियर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय की टीम ने ...