Review Overview
ग्वालियर। ग्वालियर के दिव्यांग पैरा एथलीट अजीत सिंह यादव का Tokyo Paralympics 2021 के लिए चयन हो गया है. पैरा एथलेटिक्स खिलाड़ी अजीत सिंह ऐसा करने वाले मध्य प्रदेश के पहले एथलीट बन गए हैं. नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में सम्पन्न हुए चयन ट्रायल में 63.96 मीटर जैवलिन थ्रो करते हुए खुद का रिकॉर्ड ब्रेक किया. लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन से अजीत सिंह पीएचडी कर रहे है.
अजीत सिंह ने मई 2019 में चीन के बीजिंग में गोल्ड मेडल के बाद दुबई में भी अपना परचम लहराया है. दुबई वर्ल्ड पैरा एथलीट चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया और इस तरह अजीत प्रदेश के ऐसे इकलौते खिलाड़ी बन गए जिसने पैरालंपिक्स में गोल्ड और फिर ब्रॉंज मेडल हासिल किया. अजीत मानते हैं कि इस बार भी डगर आसान नहीं होगी. श्रीलंका, मैक्सिको और चीन से अच्छी टक्कर मिलेगी, लेकिन विश्वास है कि कामयाबी हमें जरूर मिलेगी. हमारे इवेंट (जैवलिन थ्रो) में दो मेडल पक्के हैं. देवेंद्र झाझरिया ने चयन ट्रायल में बेहतरीन प्रदर्शन किया है वहीं एक और खिलाड़ी सुंदर और मेरा भी प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है. टोक्यो पैरालम्पिक में देश को हम लोगों से अच्छे नतीजे मिलेंगे.
पैरालंपिक गेम्स में विभिन्न रूप से दिव्यांग खिलाड़ी भाग लेते हैं। सभी पैरालम्पिक खेल अंतरराष्ट्रीय पैरालैम्पिक कमेटी (IPC) द्वारा शासित होते हैं.असुविधाजनक मांसपेशियों की शक्ति (जैसे पैरापेलेगिया और क्वाड्रिप्लेजीया, मांसपेशी डिस्ट्रॉफी, पोस्ट-पोलियो सिंड्रोम, स्पाइना बिफिडा), आंदोलन की निष्क्रिय सीमा, अंग की कमी (उदाहरण के लिए विच्छेदन या डिस्मेलिया), पैर लंबाई अंतर, लघु स्तर, हाइपरटोनिया, एटैक्सिया, एथेटोसिस, दृष्टि विकार और बौद्धिक हानि आदि से ग्रस्त व्यक्ति इस विश्व स्तरीय प्रतियोगिता का हिस्सा होते हैं.