Review Overview
ग्वालियर में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल सातवें दिन टूट गई है। जूडा के जिलाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा का कहना है कि हमारी मांगों को मान लिया गया है, अब हाईकोर्ट के सम्मान और परेशान हो रहे मरीजों के लिए हम काम पर वापस लौट रहे हैं। सोमवार दोपहर को जबलपुर हाईकोर्ट में इस पूरे मामले की सुनवाई है। जूडा के हड़ताल वापसी की घोषणा से एक दिन पहले रविवार को 46 सीनियर रेजीडेंस ने भी काम पर लौटना भी शुरू कर दिया था। जूडा के समर्थन पर उतरने में इन 46 सीनियर रेजीडेंट को मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बर्खास्त कर दिया था। ऐसा माना जा रहा है कि रविवार शाम के बाद ही हड़ताल वापसी की योजना बन गई थी। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने जिन सीनियर रेजीडेंट को बर्खास्त किया था अब वह आदेश वापस लिया जा रहा है।
सात दिन में ऐसे चला घटनाक्रम
- 1 जून को अपनी 6 मांगों को नहीं मानने पर जूडा ने ग्वालियर में हड़ताल की घोषणा कर OPD और इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दीं।
- 2 जून को गुस्से में जूडा ने कोविड वार्ड में भी सेवाएं बंद कर दीं। जिससे व्यवस्थाएं और गड़बड़ा गईं।
- 3 जून को जबलपुर हाईकोर्ट ने हड़तान को गैर कानूनी और गलत समय पर बताते हुए 24 घंटे में काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया। साथ ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बयान कि जूडा हड़ताल कर मरीजों के परिजन को ब्लैकमेल कर रहे हैं। इससे जूडा में आक्रोश भड़क गया।
- 4 जून को इस मामले में प्रदेशभर के 468 जूनियर डॉक्टरों को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए गए। जिसमें 71 स्टूडेंट ग्वालियर के GRMC के भी थे। इसके बाद ग्वालियर में जूडा के 330 सदस्यों ने डील को सामूहिक इस्तीफा दिया। साथ ही SR (सीनियर रेजीडेंट) भी जूडा के समर्थन में काम बंद कर हड़ताल में हुए शामिल। इसी दिन संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना ने भी कोर्ट का आदेश दिखाकर जूडा को काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया था।
- 5 जून को जूडा ने सरकार के द्वारा उनको कोरोना वॉरियर्स मानकर जो पुष्प वर्षा की थी उन पुष्प को नाराजगी दिखाते हुए वापस किया। कोरोना वॉरियर्स के सार्टिफिकेट लौटाए गए। इतना ही नहीं दोपहर बाद गजराराजा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने जूडा की हड़ताल में शामिल हुए 46 सीनियर रेजीडेंट को बर्खास्त कर दिया।
- 6 जून भोपाल में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से जूनियर डॉक्टरों का प्रतिनिधि मंडल मिला था। उन्होंने सारी मांगे मानने की बात कही। इसके बाद इंदौर, भोपाल, जबलपुर में जूडा हड़ताल वापस नहीं ली। पर ग्वालियर में शाम से ही हड़ताल वापसी के संकेत मिलने लगे। जूडा के समर्थन में आकर बर्खास्त सीनियर रेजीडेंट का प्रतिनिधि दल डीन डॉ. समीर गुप्ता से मिला और काम पर वापस लौटने के लिए बात की। रात तक 16 SR काम पर लौट चुके थे।
- 7 जून हड़ताल का सातवां और अंतिम दिन रहा। सुबह 10 बजे जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल वापसी की घोषणा कर दी।
अब आगे क्या
- जिन 46 सीनियर रेजीडेंट को मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बर्खास्त किया गया था वह आदेश वापस लिए जाएंगे, क्योंकि बर्खास्ती के 24 घंटे बाद ही सीनियर रेजीडेंट ने काम पर लौटना शुरू कर दिया।
- हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद जिन 71 जूनियर डॉक्टर (सभी थर्ड ईयर स्टूडेंट) को बर्खास्त किया गया था उनके आदेश भी वापस लिए जाएंगे। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले भी जूडा के हड़ताल के समय इस तरह बर्खास्त कर बाद में आदेश वापस लिए जाते रहे हैं।
यह था पूरा मामला
- GRMC (गजराराजा मेडिकल कॉलेज) में हड़ताल पर ग्वालियर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि स्टायफंड में 24 फीसदी बढोतरी किए जाने, हर साल मिलने वाला 6 प्रतिशत इंक्रीमेंट, बेसिक स्टायफंड करने, PG करने के बाद एक साल के ग्रामीण बॉन्ड को कोविड ड्यूटी के बदले हटाने के लिए समिति बनाए जाने व कोविड यूनिट में कार्यरत जूनियर डाक्टरों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत अतिरिक्त नंबर दिए जाने के फायदे पहुंचाने जैसी मांगों को स्वीकार नहीं किए जाने के बाद ही जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था। इस पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद शासन से जारी आदेश में अन्य मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट सहित ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के 71 छात्रों के नामांकन निरस्त कर दिए गए थे। जिस पर नाराज जूडा के 330 सदस्यों ने इस्तीफा सौंपा था।
हड़ताल वापस ले ली है
- ग्वालियर में जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली है। हमारी मांगे मान ली गई हैं। ऐसा हमें बताया गया है। इसके बाद कोर्ट के सम्मान और मरीजों को हो रही परेशानी को देखते हुए काम पर वापस जाने का निर्णय लिया है।
डॉ. देवेन्द्र शर्मा, जिलाध्यक्ष ग्वालियर, जूडा