बेरहम कमलाराजाः बच्ची चलने की स्थिति में भी नहीं और कर दी छुटटी
ग्वालियर। कमलाराजा हॉस्पिटल में छतरपुर के ग्राम महाराजपुर से आई 17 साल की बच्ची आयुषी शिवहरे का 25 मई को पेट की आंत का बड़ा ऑपरेशन हुआ था। अभी तक बच्ची चलने की स्थिति में भी नहीं थी, फिर भी चिकित्सकों द्वारा उसकी छुटटी कर दी गई और वार्ड से बाहर कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि बच्ची जब चलने की स्थिति में ही नहीं है तो हम कैसे उसे घर ले जाये। फिलहाल वह अस्पताल की गैलरी में ही है। परिजन मदद की गुहार लगा रहे है, लेकिन बेरहम डाक्टरों को उनकी पीडा नजर नहीं आ रही।…
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ग्वालियर। कमलाराजा हॉस्पिटल में छतरपुर के ग्राम महाराजपुर से आई 17 साल की बच्ची आयुषी शिवहरे का 25 मई को पेट की आंत का बड़ा ऑपरेशन हुआ था। अभी तक बच्ची चलने की स्थिति में भी नहीं थी, फिर भी चिकित्सकों द्वारा उसकी छुटटी कर दी गई और वार्ड से बाहर कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि बच्ची जब चलने की स्थिति में ही नहीं है तो हम कैसे उसे घर ले जाये। फिलहाल वह अस्पताल की गैलरी में ही है। परिजन मदद की गुहार लगा रहे है, लेकिन बेरहम डाक्टरों को उनकी पीडा नजर नहीं आ रही। अंचल का इतना बड़ा अस्पताल आज मानवीयता को पूरी तरह खो चुका है। जेएएच के अधीक्षक को पीडितों की व्यथा दिखती ही नहीं, या फिर पूरी तरह से वह पत्थर बन चुके है।
बेरहम कमलाराजाः बच्ची चलने की स्थिति में भी नहीं और कर दी छुटटी
ग्वालियर। कमलाराजा हॉस्पिटल में छतरपुर के ग्राम महाराजपुर से आई 17 साल की बच्ची आयुषी शिवहरे का 25 मई को पेट की आंत का बड़ा ऑपरेशन हुआ था। अभी तक बच्ची चलने की स्थिति में भी नहीं थी, फिर भी चिकित्सकों द्वारा उसकी छुटटी कर दी गई और वार्ड से बाहर कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि बच्ची जब चलने की स्थिति में ही नहीं है तो हम कैसे उसे घर ले जाये। फिलहाल वह अस्पताल की गैलरी में ही है। परिजन मदद की गुहार लगा रहे है, लेकिन बेरहम डाक्टरों को उनकी पीडा नजर नहीं आ रही।…
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