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कोरोना से लड़िये, पुलिस से नहीं

देश में कोरोना की दूसरी लहर से निबटने के लिए लगाए जा रहे प्रतिबंध अवाम को पसंद नहीं है . जनता कोरोना से निबटने के लिए किये गए इंतजामों को लागू करने के लिए सड़कों पर उतरी पुलिस से भिड़ रही है जबकि उसे कोरोना से निबटना चाहिए .महाराष्ट्र के नांदेड़ में गुरुद्वारे के बाहर होला मोहल्ला मनाने से रोकने पर लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. झड़प में कम से कम चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें नांदेड़ के पुलिस अधीक्षक का अंगरक्षक भी शामिल है. पुलिस के मुताबिक, तलवारों से लैस सिख युवकों ने गुरुद्वारे के गेट…

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देश में कोरोना की दूसरी लहर से निबटने के लिए लगाए जा रहे प्रतिबंध अवाम को पसंद नहीं है . जनता कोरोना से निबटने के लिए किये गए इंतजामों को लागू करने के लिए सड़कों पर उतरी पुलिस से भिड़ रही है जबकि उसे कोरोना से निबटना चाहिए .महाराष्ट्र के नांदेड़ में गुरुद्वारे के बाहर होला मोहल्ला मनाने से रोकने पर लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. झड़प में कम से कम चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें नांदेड़ के पुलिस अधीक्षक का अंगरक्षक भी शामिल है. पुलिस के मुताबिक, तलवारों से लैस सिख युवकों ने गुरुद्वारे के गेट को तोड़ दिया और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें तलवार लिए लोगों की भीड़ गुरुद्वारे से बाहर निकली और पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़ दिए. इस हिंसा में कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए.
कोरोना के खिलाफ विश्वव्यापी लड़ाई जारी है.वेक्सीन आने के बाद भी कोरोना लौट-लौटकर प्रहार कर रहा है. महाराष्ट्र में तो कोरोना का आतंक कुछ ज्यादा ही है किन्तु महाराष्ट्र में पुलिस पर हमले की घटनाएं मन को दुखी करती हैं. ये क़ानून और से व्यवस्था के साथ एक तरह का मजाक है .दुर्भाग्य की बात ये है कि हमारे यहां कोई भी सरकारी फरमान स्वैच्छिक तरीके से अंगीकार किया ही नहीं जाता.हर फरमान को मनवाने के लिए पुलिस की जरूरत पड़ती है .स्वतंत्रता के नाम पर ये मजाक है ,इससे बचना चाहिए .
एक तरफ धर्म को लेकर हम भारतीय कुछ ज्यादा ही संवेदनशील हैं .राजनीति वाले इस कमजोरी को समझते हैं इसलिए वे अपना उल्लू सीधा करने के लिए इसी कमजोर नब्ज पर हाथ रखे रहते हैं .कोरोना के पहले चरण में दिल्ली के एक धार्मिक ठिकाने पर हुए जमावड़े को लेकर देश में खूब राजनीति हुयी थी ,लेकिन बाद में सब कुछ ठंडा हो गया. नांदेड़ की वारदात भी कुछ इसी तरह की है .लोगों को अपने रीति-रिवाजों की चिंता है लेकिन स्वास्थ्य की चिंता नहीं है. हम जान दे सकते हैं लेकिन अपने धर्म पर आंच नहीं आने दे सकते .
हमारे अपने शहर में कोरोना अनुशासन लागो करने के बजाय पुलिस जुर्माना वसूलने में लगी है. जुर्माना वसूलना अंतिम उपाय होना चाहिए न कि पहला और जरूरी लक्ष्य .त्यौहार के नाम पर लाकडाउन में घंटे भर की शिथिलता भी मै उचुत नहीं मानता. पुलिस का पक्षपातपूर्ण रवैया ही नांदेड़ जैसी घंटों को जन्म देता है. यदि पुलिस सरकारी फरमानों को लागू करने में ईमानदारी से ड्यूटी करे तो कोई समस्या हो ही नहीं. हमारे यहां पुलिस का व्यवहार अक्सर मुँहदेखा होता है. नेता,अफसर के लिए और आम आदमी के लकिये और .
कोरोना जैसे रोग से निबटने के लिए केवल दवाएं काम आने वाली नहीं हैं,ये सिद्ध हो चुका है .दुनिया के ताकतवर से ताकतवर देश भी कोरोना के अनुशासन को मानने के लिए तैयार नहीं है. भारत में ही नहीं विकसित देशों में भी आबादी प्रतिबंधों को मानने के लिए तैयार नहीं है .लेकिन जो मान रहे हैं वे समझदार लोग हैं .और समझदारी में ही होशियारी है .दवा सबकी पहुँच के बाहर है और पता नहीं कब तक सबको मिल पाएगी लेकिन एहतियात सबके लिए आसान है .हम एहतियात बरतकर भी अपने रीति-रिवाज और परम्पराएं जीवित रख सकते हैं.फिर कोरोना कौन सा स्थायी रोग है. रोग आते-जाते रहते हैं. मनुष्यता रोगों से लड़ते हुए ही आगे बढ़ती आयी है .
आज जरूरत इस बात की है कि जहाँ जीवन का मुद्दा हो वहां सरकारी फरमानों का सम्मान भी किया जाना चाहिए और सरकार को भी चाहिए कि वो अपने इकबाल को बैंड करने के लिए सबके साथ एक जैसा व्यवहार करने की आदत डाल ले .कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सुनने और देखने में आ रहा है कि हमारी सरकारें एक राय नहीं हैं. यदि सरकार को चुनाव में जाना है तो वो खुद कोरोना के तथाकथित अनुशासन की धज्जियां उड़ने लगती है. पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए हो रहीं राजनीति रिऐलियन और रोड शो इस बात का प्रमाण हैं .
@ राकेश अचल

देश में कोरोना की दूसरी लहर से निबटने के लिए लगाए जा रहे प्रतिबंध अवाम को पसंद नहीं है . जनता कोरोना से निबटने के लिए किये गए इंतजामों को लागू करने के लिए सड़कों पर उतरी पुलिस से भिड़ रही है जबकि उसे कोरोना से निबटना चाहिए .महाराष्ट्र के नांदेड़ में गुरुद्वारे के बाहर होला मोहल्ला मनाने से रोकने पर लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. झड़प में कम से कम चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें नांदेड़ के पुलिस अधीक्षक का अंगरक्षक भी शामिल है. पुलिस के मुताबिक, तलवारों से लैस सिख युवकों ने गुरुद्वारे के गेट…

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