उपयंत्रियों को नर्मदाघाटी विकास प्राधिकरण में नियुक्ति के विरोध में आया डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसियेशन
ग्वालियर। मप्र शासन उपयंत्रियों को सहायक यंत्री का पद देने की बजाय सहायक यंत्रियों को संविदा नियुक्ति नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में देने जा रहा है जिसका मप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन द्वारा कड़ा विरोध किया जायेगा। महामंत्री जेपी पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों -अधिकारियों को बिना पदोन्नित के सेवानिवृत होने के कारण समिति का गठन किया था जिससे वेतनमान प्राप्त कर रहे कर्मचारियों अधिकारियों को पदनाम दिया जा सकें। समिति द्वारा 15 जनवरी 2021 को रिपार्ट भी दे दी गई, लेकिन अफसोस की बात है जिस विभाग का मंत्रालय स्वयं मुख्यमंत्री के पास है उसी विभाग नर्मदा घाटी…
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ग्वालियर। मप्र शासन उपयंत्रियों को सहायक यंत्री का पद देने की बजाय सहायक यंत्रियों को संविदा नियुक्ति नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में देने जा रहा है जिसका मप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन द्वारा कड़ा विरोध किया जायेगा।
महामंत्री जेपी पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों -अधिकारियों को बिना पदोन्नित के सेवानिवृत होने के कारण समिति का गठन किया था जिससे वेतनमान प्राप्त कर रहे कर्मचारियों अधिकारियों को पदनाम दिया जा सकें। समिति द्वारा 15 जनवरी 2021 को रिपार्ट भी दे दी गई, लेकिन अफसोस की बात है जिस विभाग का मंत्रालय स्वयं मुख्यमंत्री के पास है उसी विभाग नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में सहायक यंत्रियों को संविदा की नियुक्ति देने जा रहा हैं जिसमे वरिष्ठ उपयंत्रियों जो कार्यपालन यंत्री का वेतन प्राप्त कर रहे है एवं पदोन्नित की पात्रता रखते है उपयंत्री पद से ही सेवानिवृत हो जायेगे, जिसका संगठन कड़ा विरोध करता है।
इं. राजेन्द्र सिंह भदौरिया प्रांताध्यक्ष की अध्यक्षता में 7 मार्च को प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन की रणनीति बनाई जायेगी। विरोध करने वालों में जीपी पाठक, डीआर जैन, एपी सिंह, व्हीपी सिंह, एसके कैन, एलएस सिकरवार, मनोज पाठक, कुवेर सिंह, एसके जैन आदि प्रमुख हैं।
उपयंत्रियों को नर्मदाघाटी विकास प्राधिकरण में नियुक्ति के विरोध में आया डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसियेशन
ग्वालियर। मप्र शासन उपयंत्रियों को सहायक यंत्री का पद देने की बजाय सहायक यंत्रियों को संविदा नियुक्ति नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में देने जा रहा है जिसका मप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन द्वारा कड़ा विरोध किया जायेगा। महामंत्री जेपी पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों -अधिकारियों को बिना पदोन्नित के सेवानिवृत होने के कारण समिति का गठन किया था जिससे वेतनमान प्राप्त कर रहे कर्मचारियों अधिकारियों को पदनाम दिया जा सकें। समिति द्वारा 15 जनवरी 2021 को रिपार्ट भी दे दी गई, लेकिन अफसोस की बात है जिस विभाग का मंत्रालय स्वयं मुख्यमंत्री के पास है उसी विभाग नर्मदा घाटी…
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