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ऐतिहासिक ग्वालियर व्यापार मेला को लेकर बहुत सी व्यापारिक संस्थाओं कैट और चेंबर आॅफ कामर्स ने अपने-अपने दांवपेंच खेलें, राजनीतिक गोटियां फिट करने की कोशिश की परंतु अब तक मुख्यमंत्री द्वारा कोई भी तारीख का ऐलान नहीं किया गया है। भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी व्यापारी संघ को मेला लगाने का वादा कर गये है। परंतु उनका वादा भी सिर्फ शिगुफा मात्र दिखाई पड़ रहा है।
यहां बता दें कि पिछले दिनों एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने 14 जनवरी से मेला लगाने की बात कहीं थी। फिर बाद में वह भी अपनी बात से पलटी मारकर केबिनेट में प्रस्ताव लाने की बात कहने लगे, लेकिन कई बात केबिनेट की बैठकें हो चुकी है और मेला पर अब तक कोई चर्चा भी नहीं हो पाई है। उधर सांसद सिंधिया बार-बार व्यापारी संघ के नेताओं से भेंट के दौरान मेला लगाने का ऐलान कर जाते है। जबकि मुख्यमंत्री का इस पर कोई बयान नहीं आ रहा है और न ही कोई तारीख मेले को लेकर सामने अई है। कुल मिलाकर मेला लगने का दूर-दूर तक कोई भी तथ्य सामने नहीं आ रहा है। बस व्यापारिक संस्थायें अपनी राजनैतिक रोटी सेंकती नजर जरूर आ रही है और ज्योतिरादित्य सिंधिया व्यापारियों का झूठा आश्वासन देते दिख रहे है। लगता है इस बार सिंधिया का प्रभाव सरकार पर नही पड़ रहा। इस सब में व्यापारी पिस रहा है और झूठा आश्वासन देखकर अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है। गतरोज इसी से क्षुब्ध होकर व्यापारी संघ ने अर्धनग्न होकर मेला मुख्यालय पर प्रदर्शन भी किया था। परंतु सिंधिया पर इसका कोई प्रभाव पड़ता नहीं दिख रहा, वहीं सरकार भी पूरी तरह मौन है।