राजनीतिक कार्यक्रमों में कोविड-19 की गाइडलाइन के उल्लंघन पर HC नाराज, उठाने पड़ेंगे ठोस कदम
ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने कोरोना काल में इन दिनों में हो रहे राजनीतिक कार्यक्रमों में कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन पाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि न्याय मित्रों की रिपोर्ट से महसूस होता है कि प्रशासन कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने में विफल साबित हो रहा है. यदि प्रशासन इस तरह की गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग मास्क और सैनिटाइजेशन जैसी बुनियादी शर्तों का पालन करवाने में असफल साबित होता है, तो कोर्ट को कदम उठाना पड़ेगा. कोर्ट ने न्याय मित्रों की रिपोर्ट की कॉपी रजिस्ट्री के माध्यम से राज्य सरकार…
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ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने कोरोना काल में इन दिनों में हो रहे राजनीतिक कार्यक्रमों में कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन पाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि न्याय मित्रों की रिपोर्ट से महसूस होता है कि प्रशासन कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने में विफल साबित हो रहा है.
यदि प्रशासन इस तरह की गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग मास्क और सैनिटाइजेशन जैसी बुनियादी शर्तों का पालन करवाने में असफल साबित होता है, तो कोर्ट को कदम उठाना पड़ेगा. कोर्ट ने न्याय मित्रों की रिपोर्ट की कॉपी रजिस्ट्री के माध्यम से राज्य सरकार को भिजवाने के निर्देश दिए हैं. गौरतलब है कि आशीष प्रताप सिंह नाम के युवक ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें उसने राजनीतिक दलों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए लोगों को इकट्ठा करने और कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन रोकने की मांग की है. इसे लेकर हाईकोर्ट ने तीन अधिवक्ताओं की एक टीम को न्याय मित्र घोषित किया था और उनसे रिपोर्ट तलब की थी. न्याय मित्रों राजू शर्मा संजय द्विवेदी और वीडी शर्मा ने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंप दी है. अब इस मामले पर सुनवाई 29 सितंबर को होगी, वहीं हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से न्याय मित्रों की रिपोर्ट पर जवाब तलब किया है.
राजनीतिक कार्यक्रमों में कोविड-19 की गाइडलाइन के उल्लंघन पर HC नाराज, उठाने पड़ेंगे ठोस कदम
ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने कोरोना काल में इन दिनों में हो रहे राजनीतिक कार्यक्रमों में कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन पाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि न्याय मित्रों की रिपोर्ट से महसूस होता है कि प्रशासन कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने में विफल साबित हो रहा है. यदि प्रशासन इस तरह की गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग मास्क और सैनिटाइजेशन जैसी बुनियादी शर्तों का पालन करवाने में असफल साबित होता है, तो कोर्ट को कदम उठाना पड़ेगा. कोर्ट ने न्याय मित्रों की रिपोर्ट की कॉपी रजिस्ट्री के माध्यम से राज्य सरकार…
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