Home / प्रदेश / मप्र छत्तीसगढ़ / MP: ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट में होगा मुकाबला, कांग्रेस ने की तैयारी

MP: ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट में होगा मुकाबला, कांग्रेस ने की तैयारी

ज्योतिरादित्य सिंधिया के जिगरी दोस्त सचिन पायलट को मनाने के लिए कांग्रेस ने बहुस्तरीय रणनीति बनाई थी। पायलट अब पार्टी में लौट आए हैं और पहले की तरह ही उन्हें सक्रिय रखने के लिए कांग्रेस अलग प्लान तैयार कर रही है। एक खास गेम प्लान के तहत कांग्रेस उन्हें एमपी में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में स्टार प्रचारक के तौर पर उतारने की तैयारी कर रही है। यहां सचिन पायलट का मुकाबला अपने जिगरी दोस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया से होगा। दोनों मुसीबत के वक्त में खुल कर एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने…

Review Overview

User Rating: 4.55 ( 2 votes)

ज्योतिरादित्य सिंधिया के जिगरी दोस्त सचिन पायलट को मनाने के लिए कांग्रेस ने बहुस्तरीय रणनीति बनाई थी। पायलट अब पार्टी में लौट आए हैं और पहले की तरह ही उन्हें सक्रिय रखने के लिए कांग्रेस अलग प्लान तैयार कर रही है। एक खास गेम प्लान के तहत कांग्रेस उन्हें एमपी में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में स्टार प्रचारक के तौर पर उतारने की तैयारी कर रही है। यहां सचिन पायलट का मुकाबला अपने जिगरी दोस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया से होगा। दोनों मुसीबत के वक्त में खुल कर एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं।
मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने 22 विधायकों के साथ कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, जिसकी वजह से 15 महीने की कमलनाथ सरकार गिर गई थी। वहीं, कांग्रेस के 3 विधायकों का निधन हो गया है और 3 लोग पार्टी छोड़ दिए हैं। ऐसे में अक्टूबर में 28 सीटों पर उपचुनाव की संभावना है। बीजेपी की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत तमाम दिग्गज नेता चुनावी कमान संभाले हुए हैं। अखबार मुंबई मिरर को दिए इंटरव्यू में सचिन पायलट ने कहा है कि एमपी कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी ने मुझसे उपचुनाव में प्रचार के लिए संपर्क किया है। मैं निश्चित रूप से यह करूंगा। कांग्रेस के एक निष्ठावान सिपाही होने के नाते मेरी यह जिम्मेदारी है कि जहां भी, जब भी जो मैं कर सकता हूं करूं। एमपी मेरे लिए एक परिचित क्षेत्र है, चुनाव वाले ज्यादातर विधानसभा क्षेत्र राजस्थान के करीब हैं।

ग्वालियर-चंबल में 16 सीट
उपचुनाव वाले 28 में से 16 सीटें ग्वालियर-चंबल संभाग में है, जिसे ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ कहा जाता है। मालवा-निमाड़ क्षेत्र में 7 सीटें हैं। कुछ सीटें बुदेंलखंड में हैं। कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा है कि अंदरूनी खींचतान की वजह से बीजेपी कई सीटों पर पिछड़ रही है। कांग्रेस के आकलन के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया की लोकप्रियता भी इस चुनाव में दांव पर है। कांग्रेस लगातार सिंधिया और उनके समर्थकों के गद्दार के रूप में चित्रित कर रही है। ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अब उसी अंदाज में जवाब दे रहे हैं।

गुर्जर वोट हैं ताकत
ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में गुर्जर वोटर भी काफी हैं। सचिन पायलट को मैदान में उतार कर कांग्रेस गुर्जर वोटरों को लुभाने की कोशिश में है। अगर सचिन पायलट ग्वालियर-चंबल की 16 में से अगर आधी सीटों पर भी जीत दिलाने में कामयाब हो जाते हैं, तो उनका राजनीतिक कद पार्टी में फिर से बढ़ जाएगा। क्योंकि उपचुनाव में सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार की संभावना नहीं है। संयोग से, नवंबर 2015 में, कांग्रेस ने मालवा-निमाड़ में रतलाम लोकसभा चुनाव जीता था, जहां पायलट ने बड़े पैमाने पर प्रचार किया था। कांतिलाल भूरिया ने जीत के बाद सचिन पायलट को एक धन्यवाद नोट भेजा था।

दिलचस्प है लड़ाई

एमपी में पायलट बनाम ज्योतिरादित्य सिंधिया की लड़ाई काफी दिलचस्प होने वाली है। इस साल जुलाई में, जब पायलट ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ विद्रोह किया था, तब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि हमारे दोस्त को गहलोत परेशान कर रहे हैं। साथ ही एमपी बीजेपी के नेता लगातार पायलट को प्रोत्साहित कर रहे थे। लेकिन कथित रूप से सचिन पायलट को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने वजनदार भूमिका का आश्वासन दिया, तो पायलट ने घर वापसी का विकल्प चुना।

कमिटी सुलझा रही है विवाद

तब से करीब 40 दिन बीत चुके हैं। कांग्रेस ने पायलट की शिकायतों को देखने के लिए एक कमिटी गठित की है, जिसमें अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन शामिल हैं, जो पायलट समर्थकों की सरकार में वापसी और संगठन में भागीदारी के लिए अशोक गहलोत के साथ बात कर रहे हैं। विद्रोह के वक्त सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे।\

पार्टी में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

सूत्रों का कहना है कि एक बार राजस्थान में सारी चीजें सुलझ जाएं, तो सचिन पायलट राज्य के बाहर नई राजनीतिक पारी शुरू कर सकते हैं। इसके एआईसीसी सचिवालय ने मसौदा तैयार कर लिया है। सोनिया गांधी ने हाल ही में कार्य कार्यसमिति का पुनर्गठन किया है, 24 सदस्यीय वाली संस्था में उन्होंने 2 सीटें खाली रखी हैं। अनौपचारिक तौर पर कथित रूप से सचिन पायलट को एआईसीसी मीडिया विभाग का प्रमुख बनाने के लिए भी आवाज उठी थी। इसके साथ ही उन्हें पार्टी महासचिव बनाया जाए और किसी राज्य की जिम्मेदारी सौंपी जाए। सूत्रों के अनुसार पायलट सोनिया, राहुल और प्रियंका के हावभाव से अभिभूत थे। उन्होंने कहा कि और समय मांगा है, ताकि राजस्थान में राजनीतिक समीकरण बैठ जाएं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के जिगरी दोस्त सचिन पायलट को मनाने के लिए कांग्रेस ने बहुस्तरीय रणनीति बनाई थी। पायलट अब पार्टी में लौट आए हैं और पहले की तरह ही उन्हें सक्रिय रखने के लिए कांग्रेस अलग प्लान तैयार कर रही है। एक खास गेम प्लान के तहत कांग्रेस उन्हें एमपी में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में स्टार प्रचारक के तौर पर उतारने की तैयारी कर रही है। यहां सचिन पायलट का मुकाबला अपने जिगरी दोस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया से होगा। दोनों मुसीबत के वक्त में खुल कर एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने…

Review Overview

User Rating: 4.55 ( 2 votes)

About Dheeraj Bansal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

x

Check Also

मंत्रियों को पसंद नहीं आ रहीं पुरानी इनोवा, स्टेट गैरेज ने नई गाड़ियां खरीदने वित्त विभाग को भेजा प्रस्ताव

मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट के मंत्रियों को 3 माह पहले उपलब्ध कराई ...