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ग्वालियर। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी (ग्वालियर-चम्बल संभाग) के.के. मिश्रा ने कोविड़-19 को लेकर भारत सरकार के गृहमंत्रालय के आदेश क्रमांक- 40-3/2020-DM-I(A) की गाइड लाइन का उल्लंघन करने वाले ग्वालियर के कलेक्टर और एसपी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराये जाने की बात कही है। एफआईआर नहीं लिखने की स्थिति में पार्टी हाईकोर्ट भी जायेगी। 24 अगस्त को दोपहर 1 बजे कांग्रेस उनके खिलाफ चार विभिन्न थानों में FIR दर्ज करायेगी।
के.के. मिश्रा ने गृहमंत्रालय और भारत निर्वाचन आयोग की गाइड लाइन का उल्लंघन करने वाले ऐसे क्लेक्टर/एसपी को भी तत्काल प्रभाव से हटानें की मांग की है, जिन्होंने दोनो ही गाइड लाइनों से इतर भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए राजनैतिक दबाबवश भाजपा के सदस्यता अभियान को सहयोग किया हैं, इनके रहते निष्पक्ष चुनाव और आदर्श आचार सहिंता का पालन असंभव है।
सभी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध है, सदस्यता सम्मेलन कैसे हुआ
मिश्रा ने कहा कि कोरोना काल मे संक्रमण के कहर, उससे हुई हजारों मौतों और आज भी उसके विस्फोट को देखते हुये केंद्र सरकार के गृहमंत्रालय ने उक्त पत्र क्रमांक दिनांक-29 जुलाई 2020, में लॉकडाउन-3 की एक गाइड लाइन जारी की थी, जिसकी अवधि 31 अगस्त 2020, सुनिश्चित की गई है। उसके परिपालन में “कलेक्टर, ग्वालियर ने भी अपने आदेश क्र.-क्यू/धारा-144/ए.डी.एम./675/2020 दिनांक-04.08.2020 जारी किया। “इस आदेश के बिन्दु क्र.-06 में सामाजिक, राजनैतिक, खेलकूद, मनोरंजन, ऐकेडमिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं अन्य बडे सम्मेलन पूर्णत प्रतिबंधित रहने की जहां बात की गई वहीं इसके दृढ़तापूर्वक पालन किये जाने की भी बात दोहराई गई है”!
रविवार को तो प्रदेश में लॉकडाउन था, भाजपा के कार्यक्रम को अनुमति क्यों दी
राज्य सरकार के ही निर्णय के अनुरूप पूरे प्रदेश में रविवार को पूरी तरह लॉकडाउन रखने और उसका सख्ती से पालन किये जाने का निर्णय भी लिया गया है। जैसा कि कहा जा रहा है कि प्रदेश में कई जगह कोरोना विस्फोट पुनः हो चुका है जिसमें ग्वालियर-चम्बल अंचल भी शामिल है, किंतु कलेक्टर ने अपने उक्त आदेश को सिर्फ 1 अगस्त से 14 अगस्त तक जारी रहने का इस आदेश में जिक्र किया है, जबकि गृहमंत्रालय के स्पष्ट निर्देश 31 अगस्त तक सुनिश्चित किये गये हैं! कलेक्टर ने गृहमंत्रालय के स्पष्ट निर्देशों की अवधि घटाकर 14 अगस्त तय कर दी। इस बावत् कोई नया आदेश नहीं निकाला क्योंकि 22 से 24 अगस्त तक इस अंचल में भाजपा का तीन दिवसीय सदस्यता अभियान होना था! कलेक्टर बतायें कि उक्त आदेश को निर्धारित अवधि के पहले ही खत्म क्यों कर दिया गया? इसके पीछे उनकी प्रशासनिक मजबूरी थी या राजनैतिक?
भारत निर्वाचन आयोग और गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ है
मिश्रा ने यह भी कहा कि इसीप्रकार तीन दिन पहले भारत निर्वाचन आयोग ने कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रख संभावित चुनाव/उपचुनाव को लेकर अपनी गाइड लाइन सार्वजनिक कर दी हैं। इसके विपरीत जिला और पुलिस प्रशासन ने निर्वाचन आयोग और गृहमंत्रालय की घोषित गाइड लाइनों का उल्लंघन करते हुये भाजपा के सम्मेलन/सदस्यता अभियान, कार्यक्रम स्थल पर विशाल पंडाल बनाने की अनुमति देकर धारा-144 भी हटा दी।
गणेश पंडाल पर प्रतिबंध लगाए, भाजपा के पंडाल को अनुमति क्यों दी
22 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर भी पंडाल नहीं लगने दिये, कांग्रेस के गांधीवादी तरीके से किये जाने वाले धरना/प्रदर्शन की भी अनुमति नहीं दी और 23 अगस्त, रविवार को पूरे प्रदेश में हो रहे लॉकडाउन (अघोषित कर्फ्यू) के राज्य सरकार के आदेश का भी उल्लंघन किया! यह कृत्य एक निष्पक्ष जिला प्रशासन का न होकर भाजपा के एक अनुषांगिक संगठन का दिखाई दे रहा है।
कलेक्टर/एसपी राजनीतिक दबाव में, चुनावी निष्पक्षता की उम्मीद नहीं
राजनैतिक दबाबवश गृहमंत्रालय के निर्देशों के साहसिक उल्लंघन ने प्रशासन की निष्पक्षता और उसके चरित्र को तार-तार कर दिया है, जिससे आगामी उपचुनाव की निष्पक्षता असंभव है। इस समूचे नियम विरूद्ध कार्य में जिला कलेक्टर के साथ जिले के पुलिस अधीक्षक की भूमिका भी संगनमत होकर उन्हें सहयोग करने वाली रही है।
कलेक्टर एसपी के खिलाफ FIR लिखवाने किन-किन पुलिस थानों का घेराव करेगी कांग्रेस
लिहाजा, दोनों ही प्रमुखों के विरूद्ध 24 अगस्त को कांग्रेस, भाजपा के सदस्यता अभियान जिन-जिन थाना क्षेत्रों में हुये है उनसे संबंधित थाने पड़ाव, विश्वविद्यालय, गोले का मंदिर और झांसी रोड में अपने विधि विशेषज्ञों के साथ एफ.आई.आर. लिखवाने जायेगी, क्योंकि सरकार के ही निर्णयानुरूप इसके उल्लंघन होने पर जिला प्रमुखों के विरूद्ध कार्यवाहीं होने की बात सुनिश्चित की गई थी।