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ग्वालियर। ग्वालियर रेंज के एडीजी राजाबाबू सिंह ने कहा है कि जीवन में अगर मुक्ति चाहते हो तो विषय-वासना को जीवन से मिटा दो। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी वास्तविक जीवन में पहले पत्रकार थे, जो अपने विचारों से समाज को बदलने तक का माददा रखते थे। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र निर्माण में मीडिया की बडी भूमिका रही है।
एडीजी राजाबाबू सिंह आज प्रेस क्लब ग्वालियर द्वारा महात्मा गांधी की १५० वीं जयंती एवं गीता जयंती के अवसर पर आयोजित राष्ट्र के विकास में मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। एडीजी राजाबाबू सिंह ने अपने विचारों की शुरूआत एक कहानी से की। इसमेें उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक स्कूल के छात्र की नई घडी चोरी हो गई। उसने अपने शिक्षक से कहा कि उसके जन्मदिन पर एक घडी आज ही मिली जो चोरी हो गई। शिक्षक ने कहा कि सभी बच्चे अपनी आंख पर पटटी बांध कर एक दूसरे की तलाशी लें। तलाशी में एक बच्चे के पास घडी मिल गई। काफी अर्सा बीतने के बाद वह बच्चा काफी बडा हुआ और वह बडा उद्योगपति भी बन गया। एक दिन वह अपने उन्हीं शिक्षक के पास पहुंचा और उनके पैर छूकर बोला आपने घडी चोरी वाले दिन सभी की आंखों पर पटटी बंधवा दी थी यदि आप ऐसा नहीं करते तो मैं उस दिन ग्लानि के चलते आत्महत्या कर लेता। इसके बाद शिक्षक ने कहा कि तुमने घडी चुराई थी , वह उद्योगपति बोला कि आपने भी मुझे नहीं देखा कि मैने घडी चुराई इस पर शिक्षक ने कहा कि मैने भी अपनी आंख पर पटटी बांध रखी थी। एडीजी राजाबाबू सिंह ने कहा कि आज के दौर में पत्रकारिता में बडी कमी आई है। वह सबसे बडी कमी जजमेंटल की है। पत्रकार के मन में जजमेंटल का भाव आ जाता है। पत्रकार स्वयं ही निर्णय करने लगते हैं। उन्होंने कहा कि गीता में तीन गुणों को माना गया है इनमें तमोगुण, रजोगुण और सतोगुण प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि अपने जीवन को बेहतर बनाये रखने के लिये सतोगुण को अपनाना चाहिये। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने तीन सिद्धांतों पर जोर दिया था। शब्द एवं दृढ़ता , सामाजिक प्रभाव, तथ्यपरक खबर जिसमें स्वयं का मत ना हो, पत्रकारिता के लिये मोरल एवं काड ऑफ कंडक्ट होना चाहिये। मीडिया का दृष्टिकोण व्यापक एवं सकारात्मक होना चाहिये। एडीजी राजाबाबू सिंह ने मीडिया के बारे में कहा कि डिजिटल मीडिया के कारण विसंगतियां पैदा हो रही हैं क्योंकि कुछ नये नवेले लोगों ने इसे मजाक बना दिया है। उन्होंने प्रेस क्लब के पदाधिकारियों से आवहान किया कि नये पत्रकारों को आधुनिक तकनीक के साथ ही पत्रकारिता के सिद्धांतों से भी अवगत करायें। उन्होंने यह भी कहा कि आज के युवाओं में कोई सम्मान नहीं रहा है। वह बिना किसी काम के बिना कुशल हुए केवल दिनभर मोबाइल पर ही मगन रहते हैं। उन्हें अपने जीवन से कोई सरोकार तक नहीं है। उनमें अपने स्वयं के अंदर भी सम्मान नहीं रह गया है। ग्वालियर प्रेस क्लब को चाहिये कि वह सामाजिक समरसता , स्वच्छता , पर्यावरण , स्वास्थ्य व जागरूकता के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करे।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राम बिद्रोही ने कहा कि महात्मा गांधी इस दुनियां के सबसे बडे पत्रकार थे। वह पत्रकार के रूप में जनभावनाओं को समझते थे और जनता की भावनाओं को अभिव्यक्त कर समाज के दुष्परिणामों को सामने लाते थे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की पत्रकारिता के तीन प्रमुख सिद्धांत थे। डॉ. बिद्रोही ने कहा कि मौजूदा परिवेश में पत्रकारिता की अवधारणा बदलती जा रही है। पहले पृष्ठ कम होते थे, पाठक ज्यादा होते थे। आज उलट पृष्ठ ज्यादा होते हैं और पाठक मात्र पांच मिनट में पूरा समाचार पत्र पढ लेता है। उन्होने कहा कि प्रत्येक पत्रकार को कम से कम दो घंटे तक अवश्य पढना चाहिये। डॉ. बिद्रोही ने यह भी कहा कि पत्रकार की भूमिका समाज हित के लिये होना चाहिये। उन्होने कहा कि पत्रकार जितना पढेगा उतनी ही अच्छी तरह से वह समाज की बुराई से लड सकेगा। डॉ. बिद्रोही ने कहा कि मानवीय संबंधों में निरपेक्षता और भावनात्मक संबंधों में तटस्थता होनी चाहिये। वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राम बिद्रोही ने कहा कि यदि गांधी के दर्शन को जानेंगे तो मानोगे कि पत्रकारिता की ताकत क्या है। उन्होने कहा कि पत्रकार के तौर पर आपको आमजन को या उनकी भावनाओं को समझना तथा उनके हित में काम करना सही मायने में पत्रकारिता का उददेश्य होगा।
इस अवसर पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि विधायक मुन्नालाल गोयल ने कहा कि जिन मूल्यों की राजनीति के लिये महात्मा गांधी को याद किया जाता है उस समय और आज की राजनीति में जमीन आसमान का फर्क है। राजनीति के मायने बदल गये हैं। आम जन का विश्वास नेताओं और राजनैतिज्ञों राजनैतिक दलों से उठ रहा है। जो लोकतंत्र के लिये घातक है। उन्होंने कहा कि गांधी का आज सपना साकार नहीं हो पा रहा है। देश में दोहरी नीतियां हैं। अमीर-गरीब का भेद हैं। शिक्षा का समान भाव नहीं है। हमें गांधी के सिद्धांतों को अपनाकर आमजन की सच्चे भाव से सेवा करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि आजादी से पूर्व से आज तक मीडिया अपनी भूमिका का निर्वहन करता आ रहा है। आज भी लोकतंत्र में सबसे ताकतवर हथियार मीडिया ही है। ग्वालियर की मीडिया ने हमेशा सकारात्मक भूमिका निभाई है। लेकिन कुछ लोग आज पत्रकारिता को कलंकित कर रहे हैं हमें मिलकर सकारात्मक भाव से विकास के लिए चिंतन करना चाहिये। इस अवसर पर उन्होंने प्रेस क्लब परिसर में एक बोरिंग कराने की भी घोषणा की। इससे पूर्व विशिष्ट अतिथि विधायक मेहगांव ओपीएस भदौरिया ने कहा कि गांधीजी की शुरूआती पहचान एक पत्रकार के रूप में थी। उन्होंने यंग इंडिया और हरिजन अखबार के जरिये पत्रकारिता को नई दिशा दी। उन्होंंने कहा कि आज इंसान बिना खाए तो रह सकता है लेकिन बिना मीडिया के नहीं रह सकता यही मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका का वर्णन है। उन्होंने कहा कि मेरी स्वयं की सफलता का राज भी मीडिया ही है। राजनीति के दौरान भी मीडिया ने मेरी अलग पहचान बनाई। उन्होंने कहा कि वर्ग संघर्ष को नाकामयाब करने एवं शिक्षा को बढावा देने के लिये मीडिया ने अपनी भूमिका निभाई। मीडिया समाज व राष्ट्रहित मेें सकारात्मक भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि प्रिंअ और इलेक्ट्रोनिक मीडिया का अपना-अपना प्रभाव है। दोनों की अपनी अलग भूमिका है। देश के विकास में मीडिया की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। पत्रकार देश के सजग प्रहरी की तरह अपनी भूमिका निभाते रहेंगे।
इससे पहले सभी अतिथियों ने सरस्वती वंदन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में सबसे पहले स्वागत भाषण प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश शर्मा संचालन सुरेन्द्र माथुर आभार वरिष्ठ पत्रकार राकेश अचल ने व्यक्त किया। इस अवसर पर एडीजी राजाबाबू सिंह ने अपने द्वारा लाई गई श्रीमद भागवत गीता यथारूप पुस्तकों को सभी मौजूद पत्रकारों को वितरित किया और पत्रकारों से आवहान किया कि वह रोजाना गीता को पढेंगे तो उन्हें एक अलग भाव जीवन में मिलेगा। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार डॉ. केशव पांडे, राकेश अचल, धीरज बंसल, डॉ. सुरेश सम्राट , रविन्द्र झारखडिया , प्रदीप तोमर,गुरू शरण सिंह ,अजय मिश्रा, मप्र पत्रकार संघ के संभागीय अध्यक्ष परेश मिश्रा, मप्र श्रमजीवी पत्रकार संघ के संभागीय अध्यक्ष प्रदीप मांढरे, , सुभाष अरोरा, दिनेश राव,जोगेन्द्र सेन, अशोक पाल,रवि शेखर, जावेद खान, संजय त्रिपाठी, राज दुबे,सुनील पाठक , विनोद शर्मा , विष्णु अग्रवाल, मचल सिंह बैस, रवि यादव, रमन शर्मा, विजय पांडे, राजेश अवस्थी लावा, आदि मौजूद रहे।