सनातन धर्म में अन्नकूट प्रसादी एक रात पहले ही डिब्बे में पैक
ग्वालियर का सनातन धर्म मंदिर काफी प्राचीन है, जो लाखों श्रद्धालुओं की अगाध आस्था का केन्द्र भी है। इस बार मंदिर के दीपावली मिलन समारोह की कमान नये पदाधिकारियों के हाथ में रही। मंदिर की अन्नकूट प्रसादी श्रद्धालुओं को रूपये से दी जाती है। हर वर्ष पुरानी कार्यकारिणी अन्नकूट प्रसादी सुबह बनबाती थी और दोपहर में डिब्बे पैक होकर सायं को बंटते थे। परंतु इस वर्ष नई कार्यकारिणी ने एक रात पहले ही डिब्बे पैक करा दिये। अगर प्रसादी खाने के बाद किसी श्रद्धालु को कोई परेशानी हुई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। ये नई कार्यकारिणी को सोचना चाहिए.....
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ग्वालियर का सनातन धर्म मंदिर काफी प्राचीन है, जो लाखों श्रद्धालुओं की अगाध आस्था का केन्द्र भी है। इस बार मंदिर के दीपावली मिलन समारोह की कमान नये पदाधिकारियों के हाथ में रही। मंदिर की अन्नकूट प्रसादी श्रद्धालुओं को रूपये से दी जाती है। हर वर्ष पुरानी कार्यकारिणी अन्नकूट प्रसादी सुबह बनबाती थी और दोपहर में डिब्बे पैक होकर सायं को बंटते थे। परंतु इस वर्ष नई कार्यकारिणी ने एक रात पहले ही डिब्बे पैक करा दिये। अगर प्रसादी खाने के बाद किसी श्रद्धालु को कोई परेशानी हुई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। ये नई कार्यकारिणी को सोचना चाहिए…..
सनातन धर्म में अन्नकूट प्रसादी एक रात पहले ही डिब्बे में पैक
ग्वालियर का सनातन धर्म मंदिर काफी प्राचीन है, जो लाखों श्रद्धालुओं की अगाध आस्था का केन्द्र भी है। इस बार मंदिर के दीपावली मिलन समारोह की कमान नये पदाधिकारियों के हाथ में रही। मंदिर की अन्नकूट प्रसादी श्रद्धालुओं को रूपये से दी जाती है। हर वर्ष पुरानी कार्यकारिणी अन्नकूट प्रसादी सुबह बनबाती थी और दोपहर में डिब्बे पैक होकर सायं को बंटते थे। परंतु इस वर्ष नई कार्यकारिणी ने एक रात पहले ही डिब्बे पैक करा दिये। अगर प्रसादी खाने के बाद किसी श्रद्धालु को कोई परेशानी हुई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। ये नई कार्यकारिणी को सोचना चाहिए.....
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