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निगमायुक्त द्वारा अब तक केसी को रिलीव नहीं करने पर 1 नवंबर को ग्वालियर आ रहे नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह के सामने यह मामला उछल सकता है। हालांकि इस मामले की जानकारी मंत्री तक पहले ही पहुंच चुकी है कि कैसे भी निगमायुक्त संदीप माकिन अपने प्रिय केसी को बचाने आपके आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे है। वहीं निगम में चल रहे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की भी शिकायतें भी मंत्री तक पहुंच गई है।
यह उल्लेखनीय पहले से ही है कि ग्वालियर नगर निगम अपने भ्रष्टाचार के लिए बदनाम है। यहां हर अधिकारी लगभग भ्रष्टाचार की चपेट में है। पैसे के बिना यहां कुछ भी नहीं हो सकता है, हर काम के रेट फिक्स है। अब ऐसा ही एक मामला यह है कि कुछ माह पहले नगर निगम पीएचई विभाग में पदस्थ केसी अग्रवाल सहायक यंत्री दक्षिण विधानसभा एवं तिघरा प्लांट सहायक यंत्री का भी प्रभार दे रखा है। जबकि शासन से केसी अग्रवाल के स्थानांतरण आर्डर विगत अप्रैल 2019 को जारी हुये थे। फिर भी आजतक उन्हें रिलीव नहीं किया गया। यहा सब निगमायुक्त माकिन की मेहरबानी है। जबकि शासन के स्पष्ट आदेश होने के बाद भी इनको रिलीव नहीं किया गया है। इसी प्रकार अय मलाईदार पदों पर बैठे अपने अधीनस्थों को बचाने का कार्य निगमायुक्त द्वारा किया जा रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री से लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री तक इस मामले की जानकारी पहुंच गई है। इसमे सीधे सीधे निगमायुक्त की शिकायत की गई है कि उन्होंने केसी को अब तक रिलीव नहीं किया है। अब 1 नवंबर को ग्वालियर आ रहे नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह के सामने यह मामला उछल सकता है। जयवर्धन सिंह राजपूत छात्रावास के एक कार्यक्रम में आ रहे है। हो सकता है वह नगर निगम अधिकारियों के साथ बैठक भी कर लें। वहीं इसी दौरान केसी प्रकरण की गूंज भी सुनाई दे सकती है, क्योंकि सीधे सीधे इस मामले में मंत्री के आदेशों की धज्जियां निगमायुक्त ने उड़ाई है।
खबरीलाल….