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आर्थिक मंदी की आहट तेज, अब मूडीज ने घटाया भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान

नई दिल्लीः देश में आर्थिक मंदी की आशंकाओं के बीच एक और बुरी खबर आई है. अब ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है. साल 2019 के लिए मूडीज ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया है जबकि पहले ये 6.8 फीसदी रखा गया था. देश में चल रही आर्थिक मंदी की आहट का एक और संकेत माना जा सकता है और ये केंद्र की मोदी सरकार के लिए बुरी खबर है. वहीं मूडीज ने साल 2020 के लिए भी भारत की आर्थिक विकास दर…

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नई दिल्लीः देश में आर्थिक मंदी की आशंकाओं के बीच एक और बुरी खबर आई है. अब ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है. साल 2019 के लिए मूडीज ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया है जबकि पहले ये 6.8 फीसदी रखा गया था. देश में चल रही आर्थिक मंदी की आहट का एक और संकेत माना जा सकता है और ये केंद्र की मोदी सरकार के लिए बुरी खबर है.

वहीं मूडीज ने साल 2020 के लिए भी भारत की आर्थिक विकास दर के घटने का अनुमान जताया है और इसे 7.30 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है. दरअसल मूडीज ने कहा कि कमजोर ग्लोबल वातावरण का एशियाई क्षेत्र में एक्सपोर्ट्स को घटाने के पीछे बड़ा हाथ है और इससे कई देशों की आर्थिक विकास दर पर नकारात्मक असर पड़ रहा है. मूडीज के मुताबिक अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती ने एशियाई निर्यात पर प्रतिकूल असर डाला है और कारोबार का अनिश्चित माहौल निवेश पर भारी पड़ा है.

देश में आर्थिक मंदी की आहट के बारे में पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन भी चिंता जता चुके हैं और हाल ही में इसका संकेत तब देखने को मिला जब देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी को अपने 3000 अस्थाई कर्माचारियों को नौकरी से निकालना पड़ा. इसके अलावा दो दिन पहले ही खबर आई थी कि बिस्किट निर्माता कंपनी पार्ले-जी भी ग्रामीण मांग और उत्पादन घटने के चलते अपने आठ से दस हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सकती है.

 

गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार 6.8 प्रतिशत पर रह गई, जो 2014-15 के बाद से सबसे कम रही है. विभिन्न निजी विशेषज्ञों और केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि इस साल जीडीपी वृद्धि सात प्रतिशत के सरकारी अनुमान से कम रहेगी. आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अर्थव्यवस्था में इस समय दिख रहे धीमेपन को ‘बहुत चिंताजनक’ करार दिया है. उन्होंने कहा है कि सरकार को ऊर्जा और गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्रों की समस्याओं को तत्काल सुलझाना चाहिए.

 

मूडीज की राय के क्या हैं मायने और क्या हो सकता है असर?
भारत में विदेशी निवेशकों के लिए मूडीज की राय काफी मायने रखती है और भारत को कर्ज देने वाली संस्थाओं पर भी इसकी राय का असर देखा जाएगा. मूडीज के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाने का असर इज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग पर भी देखा जाएगा. इसके अलावा भारतीय मुद्रा की मजबूती पर और आर्थिक वृद्धि दर पर इसका असर देखा जा सकता है. वहीं घरेलू आर्थिक माहौल पर भी इस ग्रोथ रेट अनुमान का असर पड़ सकता है.

 

देश में कैसे दिख रही है आर्थिक मंदी की आहट
बाजार में कैश का संकट देखा जा रहा है, ऑटो सेक्टर मंदी की मार झेल रहा है, कारों की बिक्री 20 सालों में सबसे कम हो गई है. डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा है. प्राइवेट कंपनियों में नौकरियां जाने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है और रियल एस्टेट सेक्टर में भारी गिरावट जारी है.

Rajiv Kumar 🇮🇳

@RajivKumar1

I would request the media to stop misinterpreting my statement. The government has been taking bold steps to accelerate our economy & will continue to do so. There is no need to panic or spread panic.

हालांकि नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आज एक ट्वीट कर सरकार की स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है और उन्होंने कहा है कि मीडिया उनके बयान को गलत तरीके से पेश करना बंद करे. सरकार अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए साहसिक कदम उठा रही है और आगे भी उठाती रहेगी. घबराने की कोई जरूरत नहीं है. गौरतलब है कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बृहस्पतिवार को वित्तीय क्षेत्र में दबाव को अप्रत्याशित बताया. उन्होंने कहा था कि किसी ने भी पिछले 70 साल में ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया जब पूरी वित्तीय प्रणाली में जोखिम है.  कुमार ने कहा, ‘‘सरकार को ऐसे कदम उठाने की जरूरत है जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियों की आशंकाओं को दूर किया जा सके और वे निवेश के लिये प्रोत्साहित हों.

नई दिल्लीः देश में आर्थिक मंदी की आशंकाओं के बीच एक और बुरी खबर आई है. अब ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है. साल 2019 के लिए मूडीज ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया है जबकि पहले ये 6.8 फीसदी रखा गया था. देश में चल रही आर्थिक मंदी की आहट का एक और संकेत माना जा सकता है और ये केंद्र की मोदी सरकार के लिए बुरी खबर है. वहीं मूडीज ने साल 2020 के लिए भी भारत की आर्थिक विकास दर…

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