ये कैसा देश है ?
ये कैसे देश हैं जहां न यातायात बाधित करते मंदिर हैं न मस्जिद ,न सड़कों पर कूड़ा है और न आवारागर्दी करते जानवर ,आवारा जानवरों को हरा चारा खिलाने वाले लोग भी नहीं हैं यहां ,यहां मुंह से चलित पिचकारियां चलने वाले भी कहीं नजर नहीं आते।बजबजाती नालियां और सड़कों पर सीवर का पानी न देख लगता है की यहां इंसान रहते ही नहीं हैं।जोर से चिल्लाते नहीं,वाहन चलाते हैं तो हार्न बजाते नहीं ,घामड़ कहीं के ।न लाल बत्तियां लगाते हैं ,न ओव्हर तक करते हैं ,बड़े अनुशासित बने फिरते हैं ।कभी भारत आओ तो खुद जान जाओ की…
User Rating: Be the first one !
ये कैसे देश हैं जहां न यातायात बाधित करते मंदिर हैं न मस्जिद ,न सड़कों पर कूड़ा है और न आवारागर्दी करते जानवर ,आवारा जानवरों को हरा चारा खिलाने वाले लोग भी नहीं हैं यहां ,यहां मुंह से चलित पिचकारियां चलने वाले भी कहीं नजर नहीं आते।बजबजाती नालियां और सड़कों पर सीवर का पानी न देख लगता है की यहां इंसान रहते ही नहीं हैं।जोर से चिल्लाते नहीं,वाहन चलाते हैं तो हार्न बजाते नहीं ,घामड़ कहीं के ।न लाल बत्तियां लगाते हैं ,न ओव्हर तक करते हैं ,बड़े अनुशासित बने फिरते हैं ।कभी भारत आओ तो खुद जान जाओ की आजादी किस चिड़िया का नाम है !
ये कैसा देश है ?
ये कैसे देश हैं जहां न यातायात बाधित करते मंदिर हैं न मस्जिद ,न सड़कों पर कूड़ा है और न आवारागर्दी करते जानवर ,आवारा जानवरों को हरा चारा खिलाने वाले लोग भी नहीं हैं यहां ,यहां मुंह से चलित पिचकारियां चलने वाले भी कहीं नजर नहीं आते।बजबजाती नालियां और सड़कों पर सीवर का पानी न देख लगता है की यहां इंसान रहते ही नहीं हैं।जोर से चिल्लाते नहीं,वाहन चलाते हैं तो हार्न बजाते नहीं ,घामड़ कहीं के ।न लाल बत्तियां लगाते हैं ,न ओव्हर तक करते हैं ,बड़े अनुशासित बने फिरते हैं ।कभी भारत आओ तो खुद जान जाओ की…
User Rating: Be the first one !